एमआइटी में संस्कृत अध्ययन केंद्र का हुआ शुभारंभ डी-31 उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर एमआइटी में संस्कृत अध्ययन केंद्र का शुभारंभ किया गया. उद्घाटन कामेश्वर सिंह संस्कृत विवि के कुलपति लक्ष्मी निवास पांडेय ने दीप जला कर किया. उन्होंने कहा कि संस्कृत केवल एक भाषा नहीं, बल्कि भारतीय ज्ञान-परंपरा, संस्कृति व सभ्यता की मूल धारा है. ऐसे केंद्रों की स्थापना से नयी पीढ़ी में पारंपरिक ज्ञान, साहित्य, व्याकरण व शास्त्रीय अध्ययन को नयी दिशा मिलेगी. उन्होंने संस्कृत को सिर्फ देवालय, विद्यालय व पुस्तकालय की ही भाषा नहीं, बल्कि लोकालय की भाषा बनाने पर जोर दिया. प्राचार्य डाॅ मिथलेश कुमार झा ने बताया कि इस केंद्र के माध्यम से छात्रों को संस्कृत भाषा के अध्ययन, शोध व प्रशिक्षण की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेंगी. उन्होंने इसे संस्थान के अकादमिक विकास की दिशा में जरूरी कदम बताया. विशिष्ट अतिथि डाॅ श्रीप्रकाश पांडेय ने संस्कृत भाषा को संवाद की भाषा बनाने पर जोर देते हुए अन्य विधाओं में इसके संभावनाओं पर प्रकाश डाला. संस्कृत भारती के प्रांत संगठन मंत्री डॉ श्रवण कुमार ने संस्कृत से सभी विषयों के अहम संबंध पर चर्चा की. रमाकांत वर्मा ने संस्कृत से संस्कृति को सहेजने का सुगम मार्ग बताया. संस्कृत की शिक्षिका सुष्मिता प्रामाणिक ने धन्यवाद ज्ञापन किया. उन्होंने केंद्राधिकारी प्रो विपुल कुमार सहित सभी शिक्षकों व छात्रों का आभार जताया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

