::: बागी सशक्त स्थायी समिति के सदस्यों ने कहा उनकी लड़ाई महापौर से नहीं बल्कि निगम प्रशासन की गलत कार्य प्रणाली व नीति से
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
मुजफ्फरपुर नगर निगम में चल रहा सियासी घमासान अब खत्म हो गया है. प्रभात खबर ने सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर के आधार पर दो दिन पहले ही इसकी खबर प्रमुखता से छाप मामले का पटाक्षेप कर दिया था. इसके बाद बुधवार को महापौर के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले सशक्त स्थायी समिति के तीन सदस्य, राजीव कुमार पंकू, अभिमन्यु चौहान और उमा शंकर पासवान अपने बागी तेवर छोड़कर वापस महापौर के साथ आ गये हैं. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन पार्षदों ने स्पष्ट किया कि उनकी लड़ाई किसी व्यक्ति से नहीं, बल्कि निगम की सुस्त कार्यप्रणाली और गलत नीतियों के खिलाफ थी. पार्षदों ने बताया कि उनके आमरण अनशन का नतीजा यह हुआ कि निगम प्रशासन हरकत में आया और रुके हुए कामों में तेजी आयी. उन्होंने कहा हमारी मांग थी कि सड़क, नाला और जलापूर्ति जैसी मूलभूत योजनाओं पर काम शुरू हो, और अब उनका टेंडर निकल चुका है. निगम का प्रशासनिक कार्य भी पटरी पर लौट रहा है. पार्षद राजीव कुमार पंकू ने कहा कि वे सब विकास चाहते हैं और चूंकि अब विकास का काम शुरू हो गया है. इसलिए, आपसी विवाद को खत्म करके वे सब मिलकर काम करेंगे. उन्होंने दावा किया कि अब महापौर कैबिनेट में कोई विवाद नहीं है. इस दौरान बड़ी संख्या में पार्षद और उनके प्रतिनिधि मौजूद थे, जो इस सुलह का समर्थन करते दिखे.
विरोधियों ने बताया ””””निजी स्वार्थ”””” का खेल
जहां एक तरफ बागी पार्षदों ने इसे विकास की जीत बताया. वहीं, विरोधी गुट ने इस सुलह पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. पार्षद संजय केजरीवाल ने इसे कुर्सी और निजी स्वार्थ की लड़ाई करार दिया. उन्होंने कहा कि कुछ पार्षदों को व्यक्तिगत लाभ के लिए इस्तेमाल किया गया, लेकिन जब उनकी चाल सफल नहीं हुई, तो उन्हें वापस लौटना पड़ा. केजरीवाल ने कहा कि जनता सब कुछ देख रही है और समझ रही है कि कौन विकास के लिए लड़ रहा है और कौन सिर्फ अपनी कुर्सी बचाने के लिए.
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