-आइटीसी के लाभ में व्यापारियों को आसानी-अक्टूबर से पोर्टल पर हर खरीदारी का हिसाब
मुजफ्फरपुर.
जीएसटी अगले माह से अपने नियमों में बदलाव कर रहा है. अब सामान सप्लाई करने के बाद सप्लायर पोर्टल पर अपने बिल को अपलोड करेगा. यह बिल खरीदार को रिटर्न भरते समय फॉर्म 2 पर ऑनलाइन दिखेगा. इससे फर्जी बिल का खेल रुकेगा. अगर किसी सप्लायर ने फर्जी बिल किसी दूसरे फर्म के नाम से बना कर रिटर्न दाखिल कर दिया है तो वह बिल खरीदार को रिटर्न भरते समय दिखेगा. उसे यह अधिकार होगा कि इस बिल को रिजेक्ट करे या पेंडिंग रखे. पहले इस तरह का नियम नहीं था. अगर कोई सप्लायर रिटर्न में किसी दूसरे खरीदारी को भेजे जाने का विवरण भरता था तो खरीदार को यह जानकारी नहीं मिलती थी और रिटर्न में उस सामान की खरीद का हिसाब नहीं भरने पर उसे विभाग नोटिस भेजता था, लेकिन अब इस नयी व्यवस्था से कोई भी सप्लायर फर्जी बिल किसी भी दूसरे व्यवसायी के नाम पर नहीं दिखा सकेगा.अगर किसी खरीदार ने रिटर्न भरते समय किसी का फर्जी बिल रिजेक्ट कर दिया तो विभाग को उस सप्लायर की जानकारी मिलेगी और वह उसके फर्जी बिल पर नोटिस जारी करेगा. टैक्सेशन बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप वर्मा ने कहा कि इससे फर्जी बिल का सिस्टम रुकेगा और खरीदार को बेचे गये सामान के मद में आइटीसी का लाभ लेने में आसानी होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है