वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
जिले के 3,500 से अधिक स्कूलों में कक्षा पहली से बारहवीं तक पढ़ने वाले लगभग नौ लाख विद्यार्थियों के लिए यू-डायस डेटा और अपार आइडी तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. राज्य कार्यालय के निर्देश पर शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए यह महत्वपूर्ण तैयारी की जा रही है. इस संबंध में डीपीओ एसएसए ने सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को विस्तृत निर्देश जारी किए हैं. निर्देशों के अनुसार, छात्र-छात्राओं की वर्गवार उपस्थिति और डेटा में किसी भी प्रकार की त्रुटि के लिए वर्ग शिक्षक सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे. लापरवाही पाए जाने पर संबंधित शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.शिक्षकों की जिम्मेदारियां
वर्ग शिक्षकों को विद्यार्थियों के वार्षिक परीक्षा परिणाम से जुड़ा रजिस्टर उपलब्ध कराना होगा. वहीं, स्कूल के प्रधानाध्यापक यह सुनिश्चित करेंगे कि नामांकित सभी विद्यार्थियों का वार्षिक परीक्षा परिणाम रजिस्टर में दर्ज हो. इसके अतिरिक्त, शैक्षणिक वर्ष में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति संबंधी रिकॉर्ड भी प्रधानाध्यापकों द्वारा ही उपलब्ध कराए जाएंगे. जिन विद्यालयों में इंटरनेट या कंप्यूटर-लैपटॉप की सुविधा उपलब्ध नहीं है, वहां प्रधानाध्यापक को अपने स्तर पर इसकी व्यवस्था करनी होगी. यदि फिर भी यह संभव नहीं हो पाता है, तो डेटा तैयार करने का कार्य सीआरसी (संकुल संसाधन केंद्र) में जाकर वहीं से पूरा किया जाएगा.कंप्यूटर सुविधा और डेटा तैयारी
जिला शिक्षा विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन विद्यालयों में कंप्यूटर के जानकार शिक्षक, इंस्ट्रक्टर या अन्य कर्मी उपलब्ध नहीं हैं, वहां यह कार्य कंप्यूटर का ज्ञान रखने वाले नियोजित शिक्षक, विशिष्ट शिक्षक, टीआरई-वन, टू, थ्री के विद्यालय अध्यापक या लिपिक से कराया जाएगा. यदि कोई शिक्षक इस कार्य में लापरवाही या उदासीनता बरतता है, तो इसकी सूचना तत्काल जिला मुख्यालय को देनी होगी. दूसरी ओर, कंप्यूटर शिक्षकों की यह जिम्मेदारी होगी कि वे विद्यालय में कंप्यूटर के साथ-साथ इंटरनेट की सुविधा का भी इंतजाम करें. साथ ही, पोर्टल पर डेटा अपलोड करने में किसी भी प्रकार की त्रुटि न हो, यह सुनिश्चित करना भी कंप्यूटर शिक्षक का दायित्व होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है