मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर पंचायत सरकार भवनों का निर्माण कार्य सरकारी विभागों की सुस्ती के कारण बाधित है. विभाग से पत्र जारी होने के दो महीने बाद भी ज़िलों से रिपोर्ट नहीं मिली हैं, जिससे विकास कार्यों पर सीधा असर पड़ रहा है. पंचायती राज विभाग के अपर सचिव ने इसे लेकर सभी डीडीसी को समस्या के निराकरण के लिए कहा है. दरअसल, स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन और भवन निर्माण निगम ने दो महीने पहले ही एक सत्यापन पर्ची की सूची जारी की थी. इस सूची में उन समस्याओं का ब्यौरा था जो पंचायत भवनों के निर्माण में बाधा बन रही थीं. यह उम्मीद की गई थी कि उप विकास आयुक्त-सह-मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, संबंधित विभाग के कार्यपालक अभियंता, और जिला पंचायती राज पदाधिकारी इन समस्याओं का मिलकर समाधान करेंगे. इसके बाद, उनके संयुक्त हस्ताक्षर वाली एक स्पष्ट रिपोर्ट विभाग को भेजी जानी थी. बताया गया है कि अब तक एक भी रिपोर्ट प्राप्त न होने से यह साफ हो गया है कि इस महत्वपूर्ण कार्य की नियमित समीक्षा नहीं की जा रही है. अधिकारियों की यह लापरवाही सीधे तौर पर विकास कार्यों में देरी का कारण बन रही है. जब तक ये समस्याएं हल नहीं होंगी, तब तक इन पंचायतों में निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाएगा. यह स्थिति न केवल सरकारी कार्यप्रणाली की अक्षमता को दर्शाती है, बल्कि उन स्थानीय लोगों की उम्मीदों पर भी पानी फेर रही है जो अपने गांव में नए सरकारी भवन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. इस गंभीर मुद्दे को देखते हुए, विभाग ने तत्काल समीक्षा और मॉनिटरिंग बढ़ाने का अनुरोध किया है. समस्याओं का समाधान होने के बाद, जल्द से जल्द एक संयुक्त हस्ताक्षरित रिपोर्ट विभाग को सौंपी जाए ताकि पंचायत सरकार भवन निर्माण की दिशा में जरूरी कदम उठाए जा सकें और विकास की गति को फिर से पटरी पर लाया जा सके.
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