मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर
जिले में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा, सम्मान और समग्र विकास के लिए सरकार और महिला एवं बाल विकास निगम लगातार काम कर रहे हैं. इसी दिशा में वन स्टॉप सेंटर, पालना घर, और महिला हेल्पलाइन 181 जैसी सुविधाएं चलाई जा रही हैं. इन पहलों का मुख्य उद्देश्य महिलाओं और बच्चों को एक सुरक्षित, सहायक और सशक्त माहौल देना है.एक ही छत के नीचे सभी सेवाएं
महिला एवं बाल विकास निगम द्वारा संचालित वन स्टॉप सेंटर महिलाओं के लिए आपातकालीन सहायता और पुनर्वास का एक मजबूत माध्यम है. जिले में दो वन स्टॉप सेंटर काम कर रहे हैं, जो सदर अस्पताल परिसर और औराई प्रखंड परिसर में स्थित हैं. इन केंद्रों पर महिलाओं को एक ही जगह पर कई तरह की सेवाएं मिलती हैं:
कानूनी सलाह और सहायता: उत्पीड़न या हिंसा की स्थिति में मुफ्त कानूनी सलाह और मदद दी जाती है.चिकित्सा सुविधा: शारीरिक हिंसा या आपातकालीन स्थिति में तुरंत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाती है.
मानसिक परामर्श: पीड़ित महिलाओं को मनोवैज्ञानिक सलाह और भावनात्मक सहारा दिया जाता है.सुरक्षित आश्रय: जरूरत पड़ने पर कुछ समय के लिए रहने की जगह दी जाती है. दरअसल, वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से महिलाओं को अलग-अलग दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते, जिससे उन्हें तुरंत और पूरी सहायता मिल पाती है.
बच्चों के लिए सुरक्षित सहारा
जिले में तीन पालना घर भी चल रहे हैं. ये पालना घर कलेक्ट्रेट परिसर, पुलिस लाइन परिसर, और शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा परिसर में हैं. इन पालना घरों का मकसद यह निश्चित करना है कि कामकाजी महिलाएं अपनी नौकरी के दौरान निश्चिंत रहें कि उनके बच्चों की देखभाल एक सुरक्षित वातावरण में हो रही है.
181 महिला हेल्पलाइन
महिलाओं के लिए 181 हेल्पलाइन संकट की घड़ी में एक महत्वपूर्ण सहारा है. यह एक 24×7 निःशुल्क कॉल सुविधा है, जिस पर महिलाएं किसी भी समय सहायता के लिए संपर्क कर सकती हैं. यह हेल्पलाइन हिंसा, उत्पीड़न और अन्य समस्याओं का सामना कर रही महिलाओं को तुरंत मदद, कानूनी सलाह और मानसिक परामर्श उपलब्ध कराती है.
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