बाल संत पीयूष गिरि महाराज ने तीसरे स्कंध का किया भावपूर्ण विवेचन संवाददाता,मुजफ्फरपुर मोक्षदा एकादशी के पावन अवसर पर बाबा कमलेश्वरनाथ शिव मंदिर परिसर में आयोजित भागवत कथा का आयोजन श्रद्धा और भक्ति के वातावरण में सम्पन्न हुआ. कथा में व्यास पीठ पर विराजमान बाल संत पीयूष गिरि जी महाराज ने भागवत महापुराण के तृतीय स्कंध का सारगर्भित वर्णन करते हुए मनु-सतरूपा, कर्दम मुनि की 10,000 वर्ष की तपस्या समेत कई महत्वपूर्ण प्रसंगों पर प्रकाश डाला. महाराज जी ने बताया कि कर्दम मुनि की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर स्वयं भगवान नारायण ने उनके पुत्र कपिल मुनि के रूप में अवतार धारण किया.बाद में कपिल मुनि ने अपनी माता देवहूति को सांख्य दर्शन का उपदेश देकर मोक्ष मार्ग की शिक्षा दी.गीता जयंती के अवसर पर संत पीयूष गिरि ने भगवद गीता के रहस्य पर भी विस्तार से प्रवचन किया. उन्होंने कहा कि “यदि ज्ञान का लेश मात्र भी उदय हो जाए, तो यह संसार मिथ्या प्रतीत होने लगता है और मनुष्य मोक्ष की ओर अग्रसर होता है. महाराज जी ने कहा कि मोक्षदा एकादशी का व्रत करने से न केवल साधक का कल्याण होता है बल्कि नरक में गए पितरों की भी मुक्ति सुनिश्चित होती है. पूरे आयोजन में बड़ी संख्या में भक्तों ने भाग लिया और कथा श्रवण कर धर्म लाभ प्राप्त किया.
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