::: ट्रेड लाइसेंस पर जुर्माना माफ व सफाई कर्मियों की मानदेय वृद्धि नहीं करने का मुद्दा गरमाया, निगम बोर्ड से दोनों मुद्दे पर हो चुका है फैसला
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
नगर निगम बोर्ड के निर्णय के बाद भी नये ट्रेड लाइसेंस लेने एवं पुराने के रिन्यूअल पर लग रहे जुर्माना के साथ नगर निगम के स्वच्छता कर्मियों की पारिश्रमिक राशि की वृद्धि नहीं करने का मुद्दा फिर निगम की राजनीतिक व प्रशासनिक माहौल को गरम कर दिया है. पार्षद संजय केजरीवाल इन दोनों मुद्दों को लेकर आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर लिया है. भीतर ही भीतर इस आंदोलन में नगर निगम के सफाई कर्मी भी शामिल हैं. पार्षद केजरीवाल ने नगर आयुक्त, महापौर सहित जिला प्रशासन को पत्र लिखकर मामले से अवगत कराते हुए कहा कि जब नगर निगम बोर्ड की मीटिंग में सर्वसम्मति से दोनों मुद्दों पर निर्णय लिया गया. फिर प्रशासन क्यों नहीं जुर्माना की राशि माफ करने के साथ स्वच्छता कर्मियों की मानदेय राशि में वृद्धि कर रहा है. कहीं ना कहीं इसके पीछे राजनीतिक व प्रशासनिक मनमानी दिख रहा है. उन्होंने सात दिनों का वक्त देते हुए कहा कि अगर इस बीच दोनों मुद्दों पर ठोस निर्णय लेते हुए जुर्माना माफ करने के साथ पारिश्रमिक राशि में वृद्धि नहीं की जाती है. तब 23 सितंबर से नगर निगम कार्यालय में आमरण अनशन पर बैठेंगे, जिसकी सारी जिम्मेदारी नगर निगम प्रशासन की होगी.लाइसेंस शुल्क के बराबर लग रहा है जुर्माना
ट्रेड लाइसेंस लेने पर अभी जितना शुल्क है, उतनी ही राशि शहर के दुकानदार व व्यापारियों को जुर्माना के रूप में देना पड़ता है. वहीं, सफाई कर्मियों की मानदेय राशि भी श्रम विभाग के तय नियम से काफी कम मिल रहा है. जबकि, निगम बोर्ड प्रतिदिन के हिसाब से 635 रुपये देने का प्रस्ताव को पारित कर चुका है. ऐसे में यह आंदोलन दुर्गा पूजा के बीच शुरू होने से नगर निगम के प्रशासनिक व शहर की सफाई व्यवस्था पर गंभीर असर डाल सकता है.
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