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आयोजना क्षेत्र के 216 गांवाें की नक्शा आज से ऑनलाइन स्वीकृत होगी, नकद पैसा भी नहीं लगेगा

Maps will be approved online from today

::: प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, त्वरित और सुगम बनाने के उद्देश्य से नगर निगम ने उठाया कदम

::: नगर निगम यानी शहरी क्षेत्र के 49 वार्डों में काफी पहले से ऑनलाइन स्वीकृत हो रही है नक्शा

वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर

नगर निगम क्षेत्र के बाद अब शहर से सटे मुजफ्फरपुर आयोजना क्षेत्र में पड़ने वाले 216 गांवों में बनने वाले आवासीय एवं कमर्शियल भवनों की नक्शा ऑनलाइन स्वीकृत होगी. बुधवार को नगर आयुक्त विक्रम विरकर ने आदेश के साथ पूरा गाइडलाइन जारी कर दिया है. नगर निगम के इस फैसला से एक तरह से कहे तो आयोजना क्षेत्र में शामिल 216 गांवों के निवासियों के लिए एक अच्छी खबर है. लेकिन, इसमें जो लोग फर्जीवाड़ा कर रहे थे. उन्हें अब परेशानी हो जायेगी. नगर आयुक्त ने बताया कि यह कदम नक्शा स्वीकृति की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, त्वरित और सुगम बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है, जिससे कागजी कार्यवाही और अनावश्यक परेशानियों को कम करने में मदद मिलेगी.

समझे जारी गाइडलाइन के मुख्य बिंदुओं को

– आयोजना क्षेत्र पर विशेष ध्यान :

यह नई ऑनलाइन प्रक्रिया नगर निगम के साथ-साथ मुशहरी, कांटी, कुढ़नी, मड़वन, बोचहां और मीनापुर प्रखंडों के 216 ग्रामों में भी लागू होगी. इस आदेश के बाद आयोजना क्षेत्र से संबंधित कोई भी नक्शा ऑफलाइन स्वीकार नहीं किया जायेगा.

– तेजी से होगा काम :

यदि सभी दस्तावेज पूर्ण और सही हों तो नक्शा स्वीकृति की पूरी प्रक्रिया 21 कार्य दिवसों के भीतर पूरी की जायेगी.

– डिजिटल पोर्टल :

मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के तहत एक ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया गया है, जहां इन सभी 216 ग्रामों का विवरण अपलोड किया गया है. इस पोर्टल पर आवेदक आवेदन करने, दस्तावेज अपलोड करने, शुल्क का भुगतान करने और अपने आवेदन की स्थिति ट्रैक करने की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं.

– आवश्यक दस्तावेज :

ऑनलाइन आवेदन के लिए आवेदकों को भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र, प्रस्तावित भवन का नक्शा (सीएडी/पीडीएफ प्रारूप में), रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का विवरण और एनजीटी/एनकैप नियमों के अनुपालन का प्रमाण सहित अन्य दस्तावेज अपलोड करने होंगे.

– निर्माण शुल्क और उपकर :

भवन निर्माण के लिए शुल्क का निर्धारण नगर विकास एवं आवास विभाग की अधिसूचना के अनुसार होगा.10 लाख रुपये से अधिक की लागत वाले निर्माण पर अनुमानित खर्च का एक प्रतिशत श्रम उपकर (लेबर सेस) के रूप में जमा करना होगा.

– नियमों का पालन अनिवार्य :

स्वीकृत नक्शे के अनुसार निर्माण नहीं होने पर संबंधित अभियंता और वास्तुविद के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी. इसके साथ ही, निर्माण स्थल पर नक्शा विवरण, अभियंता का नाम और क्यूआर कोड प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Devesh Kumar
Devesh Kumar
I am working as a senior reporter at Prabhat Khabar muzaffarpur. My writing focuses on nagar nigam political, social, and current topics.

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