दीपक – 12 मुजफ्फरपुर. वरिष्ठ साहित्यकार डॉ रामेश्वर प्रसाद का गुरुवार की देर रात रामबाग स्थित उनके आवास पर निधन हो गया. उनकी उम्र 86 वर्ष की थी. वे अविवाहित रहे और बड़े भाई के पुत्र के साथ जीवन व्यतीत किया. मुखाग्नि पुत्रवत गोपाल ने दी. इनके निधन से शहर के साहित्यकारों ने शोक जताया है. इनकी प्रसिद्ध पुस्तक बज्जिका की रचनाएं, कुंती का बेटा, हम कहां हती, दरकइत दर्पण, हे मां, मातृभूमि और भारत मां सहित हिंदी में उनका काव्य संग्रह ऐ लाश सुनो, विपिन में मधुशाला, आम्रपालिक विजय और त्रिफुल नाटक थी. डॉ. रामेश्वर प्रसाद 20 वर्षों तक स्कूल में शिक्षक रहे.
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