प्रभात कुमार, मुजफ्फरपुर
मुजफ्फरपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) ने पिछले 20 सालों में एक लाख 35 हजार से ज्यादा परिवारों को पक्का घर देकर उनकी जिंदगी बदल दी है. इस योजना ने ग्रामीण और शहरी, दोनों क्षेत्रों में लाखों लोगों को सुरक्षित और बेहतर जीवन दिया है. इस साल आवास के लिए 4.35 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं. इन आवेदनों में से लगभग 65 हजार आवेदन ”सेल्फ सर्वे” के माध्यम से किये गये हैं. इन आवेदनों का सत्यापन कार्य तेजी से चल रहा है.सबसे ज्यादा आवास कटरा प्रखंड में
इस योजना के तहत, जिले के कटरा प्रखंड में सबसे अधिक आवासों का निर्माण हुआ है, जो यह दिखाता है कि इस क्षेत्र में पक्के घरों की सबसे ज्यादा जरूरत थी. इन आवासों ने हजारों परिवारों को सुरक्षित रहने की जगह दी है.एइएस प्रभावित क्षेत्रों में भी बदलाव
एइएस से प्रभावित प्रखंडों, जैसे कि मोतीपुर, बोचहां, मीनापुर, कांटी और मुसहरी, में भी इस योजना का बड़ा असर देखने को मिला है. पिछले 8 सालों में इन क्षेत्रों में 29 हजार से ज्यादा घरों का निर्माण हुआ है. इन नये घरों से न सिर्फ परिवारों को सुरक्षित आश्रय मिला है, बल्कि उनके जीवन स्तर में भी सुधार हुआ है.योजना के तहत मिलने वाली राशि और पात्रता
ग्रामीण क्षेत्र के तहत, मैदानी इलाकों में घर बनाने के लिए ₹1.20 लाख की आर्थिक मदद मिलती है, जबकि पहाड़ी और दुर्गम क्षेत्रों में यह राशि ₹1.30 लाख है. यह पैसा सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में तीन किस्तों में भेजा जाता है. इसके अलावा, स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय बनाने के लिए ₹12,000 की अतिरिक्त सहायता भी दी जाती है.ग्रामीण क्षेत्रों में, पात्रता का निर्धारण एसइसीसी 2011 के आंकड़ों के आधार पर होता है. जिन परिवारों के पास कोई पक्का घर नहीं है, जो कच्चे घरों में रहते हैं, या जिन परिवारों में 16 से 59 साल की उम्र का कोई पुरुष सदस्य नहीं है, उन्हें प्राथमिकता दी जाती है. दिव्यांग सदस्यों वाले परिवारों को भी इस योजना में प्राथमिकता मिलती है. इस योजना ने जिले में सही मायने में ”सबके लिए घर” के सपने को साकार किया है.
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