नगर निगम के गेट के सामने ही जाम का झाम, मनमाने तरीके से आधे से अधिक सड़क पर कब्जा
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
शहर को अतिक्रमण मुक्त करने की जिम्मेदारी मुजफ्फरपुर नगर निगम को दी गयी है. इसके लिए उन्हें पुलिस बल, जेसीबी और गाड़ियां भी मिली हैं. लेकिन, नगर निगम का अभियान सिर्फ कागजी खानापूर्ति तक सीमित है. इसका नतीजा यह है कि शहर के हालात सुधरने के बजाय और भी बदतर होते जा रहे हैं. सबसे हैरान करने वाली बात तो यह है कि नगर निगम अपने खुद के गेट और उसके आस-पास के इलाके को भी अतिक्रमण मुक्त नहीं करा पा रहा है. स्टेशन रोड से धर्मशाला चौक और मालगोदाम चौक तक की सड़क पर रोजाना भारी जाम लगता है. सड़क के दोनों ओर नाले के साथ-साथ आधी सड़क पर भी अवैध रूप से होटल, ठेले और दुकानें लगी रहती हैं. इसके अलावा एक लेन में ऑटो और ई-रिक्शा भी खड़े रहते हैं. ऐसे में गाड़ियों के लिए सिर्फ 8-10 फीट की जगह बचती है, जिससे गाड़ियों को चलने में मुश्किल होती है और जाम की झाम से राहगीर पूरे दिन परेशान रहते हैं.दिन में दो से चार बार गुजरती है नगर आयुक्त की गाड़ी
यह स्थिति तब है जब नगर निगम के आयुक्त और अन्य अधिकारी दिन में कई बार इसी रास्ते से गुजरते हैं. यह सवाल उठता है कि जब नगर निगम अपने ही गेट को अतिक्रमण से मुक्त नहीं करा पा रहा है, तो बाकी शहर को खाक मुक्त करायेगा. इस तरह की लापरवाही ने अतिक्रमण हटाओ अभियान की गंभीरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं और शहर के लोगों को रोजाना परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
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