बिहार: मुजफ्फरपुर में साइबर फ्रॉड गिरोह का एक शातिर घर बैठे ऑनलाइन जॉब करके प्रतिदिन हजारों कमाने का झांसा देकर शहरवासियों से लगातार मोटी रकम की ठगी कर रहा है. साइबर फ्रॉड का नया शिकार चंदवारा जेल रोड जमीरन गाछी के रहने वाले आफताब इलाही अंसारी बना है. साइबर फ्रॉड ने उसके खाते से चार लाख 67 हजार रुपये का चूना लगा दिया है. मामले को लेकर पीड़ित ने नगर थाने में अज्ञात साइबर फ्रॉड के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराया है. साथ ही उसने नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर भी अपनी शिकायत दी है.
पहले दो टास्क में प्रॉफिट के साथ वापस मिले पैसे
थाने में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार अफताब इलाही अंसारी ने बताया है कि कुछ दिन पहले उनके मोबाइल पर एक अज्ञात नंबर से व्हाट्सएप के माध्यम से एक मैसेज आया. घर बैठे ऑनलाइन जॉब करके दो से पांच हजार रुपये प्रतिदिन कमाने का झांसा दिया. उसने फ्रॉड के द्वारा बताये ग्रुप पर टेलीग्राम के माध्यम से जुड़ गया. उसे कुछ टास्क पूरा करना था. बोला कि पहले आप दो हजार लगाइए आपको 2800 रुपये मिलेगा. साइबर फ्रॉड के दिये लिंक पर लॉगिन करते ही उसके लिए एक टीम अप्वाइंट किया गया. उसने दो बार टास्क पूरा किया. टास्क पूरा होने के बाद प्रॉफिट के साथ रुपये उसके अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया गया.
फंसे हुए पैसे वापस करने के नाम पर और पांच अकाउंट में लिए डेढ़ लाख
तीसरी बार टास्क पूरा करने में पहली बार नौ हजार रुपये ट्रांसफर किये हर बार उसे अलग- अगल मर्चेंट अकाउंट पर रुपये ट्रांसफर करने को कहा जाता था. दूसरी राउंड में 45 हजार लगाने पर रुपए प्रॉफिट के साथ वापस कर दिया गया. तीसरे राउंड में 88 हजार लगाने पर एक लाख 75 हजार रुपये उसके इन क्रिएटेड अकाउंट में जमा हो गया. फिर कहा गया कि इस राउंड का प्रॉफिट का रुपये उसके अकाउंट में भेज दिया जायेगा. चौथे राउंड में एक लाख 75 हजार रुपये लगाने को कहा गया. उसके कहे अनुसार खाते में एक लाख 75 हजार ट्रांसफर कर दिया. लेकिन, टास्क कंप्लीट होने के बावजूद क्रेडिट स्कोर 100 नहीं होने की बात कह उसके अकाउंट में फंसे तीन लाख 17 हजार रुपये की निकासी नहीं होने की बात कही. उसको निकालने के लिए 30 हजार करके अलग- अलग पांच अकाउंट में भेजने पर उसका पूरा रुपये भेजने की बात कही. लेकिन, वह डेढ़ लाख रुपये भेज दिया. फिर भी फ्रॉड क्रेडिट स्कोर पूरा नहीं होने की बात कह और रुपये की डिमांड करने लगा तो उसको साइबर फ्रॉड का शिकार होने का एहसास हुआ.