अंकित कुमार/ BRAB University: मुजफ्फरपुर. बीआरए बिहार विश्वविद्यालय की ओर से छात्र-छात्राओं की समस्या को दूर करने को लेकर पोर्टल विकसित किया जाएगा. इस पोर्टल के निर्माण से दूर-दूर से समस्याओं को लेकर पहुंचने और फिर उसका स्टेटस जानने के लिए विश्वविद्यालय का चक्कर लगाने से छुट्टी मिल जाएगी. पोर्टल पर ही आवेदन का स्टेटस पता चल जाएगा. आवेदन किस स्तर पर पेंडिंग है और कबतक काम हो जाएगी. इसकी संभावित तिथि भी पोर्टल पर दिखेगी. सबसे अधिक फायदा डिग्री के लिए दोहरी प्रक्रिया से परेशान विद्यार्थियों को होगा.
पोर्टल पर ही संबंधित कागजात कराए जाएंगे जमा
अबतक विश्वविद्यालय में डिग्री के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के बाद उसकी पावती के साथ अंकपत्र, रजिस्ट्रेशन व अन्य कागजात के साथ विश्वविद्यालय के काउंटर पर ऑफलाइन प्रक्रिया करनी होती है. आवेदन की रिसिविंग तो मिल जाती है, लेकिन बाद में जब उसका स्टेटस पता करने विद्यार्थी आते हैं तो कई बाद आवेदन ही नहीं मिलता. ऐसे में डिग्री के लिए अब पोर्टल पर आवेदन लेने के समय ही सारे कागजात ऑनलाइन मोड में ही अपलोड करा लिए जाएंगे. उनका सत्यापन भी ऑनलाइन ही कर लिया जाएगा. इससे कम समय में सत्यापन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. इसके साथ ही छात्र-छात्राओं के रिजल्ट में किसी प्रकार गड़बड़ी मिलेगी तो उसे रिमार्क्स में दर्ज किया जाएगा.
कई जिलों से समस्याएं लेकर पहुंचते हैं छात्र-छात्राएं
बेतिया, मोतिहारी, बगहा, सीतामढ़ी, वैशाली व शिवहर समेत मुजफ्फरपुर के सुदूरवर्ती इलाकों से डिग्री व अन्य समस्याओं को लेकर प्रतिदिन विद्यार्थी विश्वविद्यालय पहुंचते हैं. यहां आवेदन करने के बाद जब वे बाद में आते हैं तो उन्हें पता चलता है कि परिणाम में कोई गड़बड़ी थी. इस कारण प्रमाणपत्र नहीं बन सका है. पोर्टल पर आवेदन की स्थिति दिखने से इन विद्यार्थियों को फायदा मिलेगा. परीक्षा विभाग की ओर से बताया गया कि इसका प्रस्ताव तैयार किया गया है. कुलपति से अनुमति लेकर शीघ्र इसपर काम शुरू किया जाएगा. विद्यार्थियों की समस्याओं को दूर करना विश्वविद्यालय की पहली प्राथमिकता में है.
डाक से डिग्री भेजने की व्यवस्था नहीं हो सकी लागू
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के पोर्टल पर डिग्री के लिए आवेदन करते समय डाक से डिग्री प्राप्त करने का विकल्प दिया जा रहा है. इसपर क्लिक करने के बाद आवेदक का पता लिया जाता है. डाक से डिग्री भेजने का शुल्क भी 200 रुपये लिया जाता है, लेकिन डाक से डिग्री नहीं भेजी जाती. प्रदेश से दूर रह रहे विद्यार्थियों को डाक का शुल्क देने के बाद भी विश्वविद्यालय और कॉलेजों का चक्कर लगाकर डिग्री प्राप्त करना पड़ता है. इस संबंध में पूछे जाने पर परीक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पूर्व में डाक विभाग के साथ समन्वय किया गया था, लेकिन बात नहीं बनी. इस कारण डाक से डिग्री भेजने की व्यवस्था शुरू नहीं हो सकी है.
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