Bihar News: मुजफ्फरपुर, कुमार दीपू. बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की महिलाएं परिवार नियोजन कराने में बिहार में तीसरे स्थान पर हैं. जिले की 70 प्रतिशत महिलाओं ने परिवार नियोजन कराया हैं. जबकि पहले स्थान पर अरवल और दूसरे स्थान पर खगडिया की महिलाएं रही हैं. अरवल की 83 प्रतिशत महिलाओं ने परिवार नियोजन कराया हैं. वहीं खगडिया की 72 प्रतिशत महिलाओं ने परिवार नियोजन कराया हैं. इसके अलावा सबसे कम गोपालगंज, सिवान, रोहतास की महिलाओं ने परिवार नियोजन कराया हैं. गोपालगंज में 23 प्रतिशत, सिवान में 24 प्रतिशत और रोहतास में 29 प्रतिशत महिलाओं ने ही परिवार नियोजन कराया हैं.
पुरुषों की नसबंदी ना के बराबर
बात करे पुरुषों की तो उन्होंने नसबंदी ना के बराबर कराया हैं. पखवाडे के दौरान एक भी पुरुष ने नसबंदी नहीं कराया हैं. स्वास्थ्य विभाग के आकंड़े के अनुसार अप्रैल 2024-25 में महिलाएं ने बंध्याकरण कराया हैं. हर पीएचसी, एनजीओ और यूपीएचसी को स्वास्थ्य विभाग ने लक्ष्य तय किया था. पखवाड़े के दौरान हर पीएचसी को 10 पुरुष नसबंदी, 60 बंध्याकरण, 100 कॉपर टी और 200 अंतरा लगाने का लक्ष्य दिया था. जबकि एनजीओ को 20 नसबंदी, 70 बंध्याकरण, 20 कॉपर टी और 50 अंतरा का लक्ष्य दिया गया था. यूपीएचसी को 10 नसबंदी, 20 बंध्याकरण, 30 कॉपर टी, 50 अंतरा के लिये लोगों को मॉटिवेट करके सदर अस्पताल लाने को कहा गया था.
55.7 फीसद महिलाओं ने कॉपर टी अपनाया
जिले की महिलाएं परिवार नियोजन के उपायों का 7 गुणा अधिक उपयोग करने लगी है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकडाें के अनुसार जिले की 55.7 फीसद महिलाओं ने परिवार नियोजन के लिए कॉपर टी, अंतरा जैसी तरीकों को अपनाया है. इसके तहत 45 फीसद महिलाओं ने बंध्याकरण का इस्तेमाल किया है. जबकि 66.1 फीसद महिलाओं ने परिवार नियोजन के लिए स्थायी और अस्थायी साधनों का उपयोग किया है. बंध्याकरण में दो हजार तो नसबंदी पर तीन हजार प्रोत्साहन राशि जिले में परिवार नियोजन कराने वाले को सरकार की ओर से प्रोत्साहन राशि भी दी जाती हैं. स्वास्थ्य विभाग की ओर से महिला बंध्याकरण कराने वाली महिलाओं को जहां दो हजार रुपये दिये जाते हैं. जबकि आशा को दो सौ रुपये मिलते हैं.
नसबंदी के लिए हिचक रहे पुरुष
सिविल सर्जन डॉ अजय कुमार ने कहा,”परिवार नियोजन में महिलाएं अब आगे आने लगी हैं. महिलाएं हम दो हमारे दो का नारा उपनाने लगी हैं. जबकि नसबंदी कराने में पुरुष आज भी हिचक रहे हैं. इनके लिये प्रोत्साहन राशि भी महिलाएं की अपेक्षा अधिक हैं. बंध्याकरण पर जहां महिलाओं को दो हजार दी जाती हैं. वहीं नसबंदी कराने वाले पुरुषों को तीन हजार मिलता हैं. नसबंदी के लिये जागरूकता अभियान भी चलाये जा रहे हैं. बावजूद पुरुषों को लगता है कि परिवार नियोजन महिलाएं ही करायेंगे.”
इन जिलों में परिवार नियोजन हुआ
जिला प्रतिशत रैंकिंग
अररिया 83 01
खगडिया 72 02
मुजफ्फरपुर 70 03
सहरसा 67 04
पुर्णिया 66 05
सुपौल 66 06
मधेपुरा 55 07
वैशाली 54 08
बांका 54 09
भागलपुर 53 10
समस्तीपुर 53 11
दरभंगा 52 12
औरंगाबाद 50 13
पूर्वी चंपारण 48 14
पटना 47 15
कटिहार 46 16
सीतामढी 43 17
बेगूसराय 44 18
गया 42 19
पश्चमी चंपारण 41 20
कैमूर 41 21
नवादा 39 22
मुगैर 33 23
मधुबनी 36 24
भोजपुर 35 25
किशनगंज 35 26
नालंदा 35 27
शेखपुरा 33 28
जहानाबाद 32 29
जमूई 31 30
अरवल 31 31
शिवहर 31 32
सारण 31 33
बक्सर 30 34
लखीसराय 29 35
रोहतास 29 36
सिवान 24 37
गोपालगंज 23 38
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