सरैया प्रखंड की बेरुआ पंचायत में वित्तीय वर्ष 2021-22 की ऑडिट रिपोर्ट
आठ लाख रुपये से अधिक की वित्तीय अनियमितता का खुलासामुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर
सरैया प्रखंड की बेरुआ पंचायत में वित्तीय वर्ष 2021-22 की ऑडिट रिपोर्ट में लगभग आठ लाख रुपये से अधिक की वित्तीय अनियमितता का खुलासा हुआ है. अंकेक्षण पदाधिकारी ने इस गंभीर मामले में आपत्ति दर्ज करते हुए जिला पंचायती राज पदाधिकारी को रिपोर्ट की है और उनसे स्वयं भी जांच कराकर मुख्यालय को रिपोर्ट भेजने का आग्रह किया है.जानकारी के अनुसार, पंचायत को यह धनराशि विकास योजनाओं के क्रियान्वयन, कोविड-19 की रोकथाम और 14वीं एवं 15वीं वित्त आयोग के अंतर्गत आवंटित की गई थी. ऑडिट के दौरान पंचायत द्वारा राशि खर्च करने का उल्लेख तो किया गया, लेकिन व्यय से संबंधित कोई भी लेखा-जोखा और प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया गया. यहां तक कि खर्च की गई राशि के बिल भी पंचायत के पास उपलब्ध नहीं पाए गए हैं, जिसके कारण पूरी राशि को आपत्ति की श्रेणी में रखा गया है.
रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि विभिन्न योजनाओं पर व्यय करने के लिए वार्डों को हस्तांतरित किए गए एक लाख 29 हजार रुपये के खर्च का कोई प्रमाण नहीं दिया गया. इसके अतिरिक्त, 14वीं एवं 15वीं वित्त आयोग मद से प्राप्त एक लाख सात हजार रुपये की खर्च राशि भी रजिस्टर में दर्ज नहीं मिली, और न ही इसके बिल और मास्टर रोल प्रस्तुत किए गए. इसी प्रकार, पंचम वित्त मद में उपलब्ध कराए गए तीन लाख रुपये के संबंध में भी योजना रजिस्टर, योजना अभिलेख, बिल और मास्टर रोल पंचायत के पास अनुपलब्ध पाए गए हैं.पंचायत के कामकाज और वित्तीय प्रबंधन पर सवाल
कोविड-19 की रोकथाम के लिए खर्च किए गए दो लाख 61 हजार रुपये का भी कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया गया है. वित्तीय वर्ष 2021-22 में पंचायत को विकास योजनाओं के संचालन के लिए आवंटित लगभग 60 लाख रुपये की भारी राशि खाते में ही पड़ी रही, जिसका उपयोग नहीं किया गया. इस वित्तीय अनियमितता के उजागर होने से पंचायत के कामकाज और वित्तीय प्रबंधन पर गंभीर सवाल उठते हैं. अब जिला पंचायती राज पदाधिकारी द्वारा इस मामले में क्या कार्रवाई की जाती है, यह देखने वाली बात होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है