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मुजफ्फरपुर में AES पीड़ित बच्ची को बिना बताये पीकू वार्ड से ले गये परिजन, घर जाकर डॉक्टरों ने की जांच

मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच के पीआइसीयू वार्ड में भर्ती तीन साल की मिठ्ठी कुमारी में एइएस की पुष्टि होने के बाद परिजन प्रोटोकॉल के तहत इलाज कराये बिना ही बच्ची को लेकर घर चले गये. 14 अप्रैल को बच्ची में एइएस की पुष्टि हुई थी.

मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच के पीआइसीयू वार्ड में भर्ती तीन साल की मिठ्ठी कुमारी में एइएस की पुष्टि होने के बाद परिजन प्रोटोकॉल के तहत इलाज कराये बिना ही बच्ची को लेकर घर चले गये. बच्ची के बेड पर नहीं रहने पर जब खोजबीन की गयी तो पता चला कि वह अपने घर माधवपुर देवरिया में है. अभी बच्ची पूरी तरह से ठीक बतायी गयी है.

14 अप्रैल को बच्ची में एइएस की पुष्टि हुई थी

उपाधीक्षक सह शिशु विभागाध्यक्ष डॉ. गोपाल शंकर सहनी ने बताया कि 14 अप्रैल को बच्ची में एइएस की पुष्टि हुई थी. उसके बाद इलाज शुरू किया गया था. दो घंटे के इलाज बाद बच्ची की हालत बेहतर हो गयी. इसके बाद परिजन उसे डिस्चार्ज करने की बात कहने लगे. लेकिन एइएस इलाज के प्रोटोकॉल के तहत बच्ची को दो दिन तक रुकने को कहा गया. लेकिन वे शनिवार सुबह बिना बताये बच्ची को लेकर अपने घर चले गये.

डॉक्टरों की टीम ने उसके घर जाकर बच्ची को देखा 

अस्पताल में दर्ज कराये गये फोन नंबर पर जब संपर्क किया गया तो परिजनों ने बताया कि वह अपने गांव देवरिया आ गये हैं. उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी मुख्यालय से लेकर जिला प्रशासन तक को दे दी गयी है. इधर, स्थानीय पीएचसी प्रभारी को उसके घर जाकर बच्ची के स्वास्थ्य की जानकारी लेने को कहा गया. डॉक्टरों की टीम उसके घर जाकर बच्ची को देखी है, वह पूरी तरह से ठीक है. साथ ही पीएचसी प्रभारी को उस पर नजर रखने को कहा गया है. बता दें कि 14 अप्रैल को पीकू में भर्ती दो बच्चों में एइएस ही पुष्टि हुई है, जिसमें एक माधवपुर देवरिया के तीन साल की मीठ्ठी कुमारी व मीनापुर के दो साल का सुभाष कुमार हैं.

पीएचसी प्रभारी से जवाब-तलब

मुजफ्फरपुर जिले में एइएस को लेकर बनाया गया कंट्रोल रूम कितना सजग है, इसकी जानकारी लेने के लिए पटना मुख्यालय से सभी पीएचसी में बने कंट्रोल रूम के नंबर पर बारी-बारी से फोन किया गया. लेकिन फोन रिसीव तक नहीं हुआ. इतना ही नहीं सदर अस्पताल में बने कंट्रोल रूम में भी फोन किसी ने रिसीव नहीं किया. इसके बाद मुख्यालय ने सिविल सर्जन को मेल करके इसकी जानकारी दी और इसकी रिपोर्ट मांगी.

कंट्रोल रूम में रोस्टर के अनुसार सभी तैनाती

प्रभारी सिविल सर्जन डॉ सुभाष कुमार ने सभी पीएचसी प्रभारियों से जानकारी ली कि उनके यहां जो एइएस के कंट्रोल रूम बने हैं, उसमें कर्मचारियों की तैनाती की गयी है या नहीं. हालांकि 16 पीएचसी प्रभारियों व सदर अस्पताल के नोडल अधिकारी ने कहा कि हर जगह बने कंट्रोल रूम में सभी तैनाती रोस्टर के अनुसार की गयी है. सीएस ने सभी से 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा है कि सुबह आठ बजे से 10 बजे तक किसकी ड्यूटी थी़ अगर रिपोर्ट संतोषजनक नहीं रही तो सभी पर विभागीय कार्रवाई की जायेगी.

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