वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर राज्य के सभी ग्राम पंचायतों में एक पेड़ मां के नाम 2.0 अभियान अंतर्गत पौधरोपण कार्यक्रम के तहत लगाये गये पाैधे के रख-रखाव व अनुश्रवण को लेकर पंचायती राज विभाग के अपर सचिव ने सूबे के सभी डीएम से रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा है. जिसमें बताया है कि इस योजना को ग्राम पंचायतों द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए तैयार किये जा रहे वार्षिक कार्य योजना में शामिल किये जाने का अनुरोध किया है. अगर इसे वार्षिक कार्य योजना में शामिल नहीं किया गया है तो इसे पूरक योजना में अनिवार्य रूप से शामिल किया जाना है. इस योजना के तहत लगाये गये पौधे के रख रखाव को लेकर वर्ष 2024 में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किया गया है. इसको लेकर किये गये कार्रवाई संबंधित प्रतिवेदन विहित प्रपत्र में उपलब्ध कराने को कहा है. विहित प्रपत्र के तहत जिला, प्रखंड, ग्राम पंचायत, लगाये गये फलदार, छायादार व अन्य पौधे की संख्या (जीवित व अजीवित), वन पोषक की नियुक्ति है या नहीं. ये सभी जानकारी के साथ रिपोर्ट भेजी जानी है. धरती को हरा भरा रखने और प्रकृति में संतुलन बनाये रखने के लिए ग्राम पंचायतों की आम जमीन व सभी वार्डों में इसकी शुरुआत की गयी थी. जिसके तहत प्रत्येक वार्ड में कम से पांच पौधे लगाने थे. वहीं ग्राम पंचायतों की आम जमीन व सभी वार्ड में छायादार व फलदार पौधे लगाने थे. जिसमें बताया गयाा था पौधरोपण का मूल स्त्रोत वेद, स्मृति, पुराण, धर्मशास्त्रऋ व आ युर्वेद आदि है. मत्स्य पुराण में लिखा है कि एक वृक्ष लगाना दस पुत्र उत्पन्न करने के समान है. हमारे प्राचीन मनीषी भी पेड़ों के संरक्षण के प्रतिअत्यंत गंभीर थे, इसके बीना जीवनसंभव नहीं है. जारी विस्तृत दिशा निर्देश में इन पौधे के संरक्षण को लेकर वन पोषक (प्रति 200 पौधा एक यूनिट पर एक वन पोषक) ग्राम पंचायत द्वारा रखा जा सकता है. जिसका भुगतान प्रथम पांच साल में जीविक पौधे की संख्या पर किया जायेगा. जिसमें 90 प्रतिशत पौधा जीवित रहने पर 7 रुपये प्रति पौधा, 75 से 89 प्रतिशत जीवित रहने पर 3.50 रुपये प्रति पौधा, इससे कम करने पर कोई भुगतान नहीं होगा.
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