6.07 लाख बच्चों को नहीं मिलेगी छात्रवृत्ति व पोशाक!फंसा पेंच – विभाग सीधे बच्चे के अकाउंट में भेजेगा योजनाओं की धनराशि -10 साल तक के बच्चों का खाता खोलने से बैंक कर रहे इनकार – बैंकों का चक्कर लगाकर थक चुके अभिभावकों ने छोड़ी उम्मीद संवाददाता, मुजफ्फरपुर बैंकों की मनमानी के कारण जिले के 6.07 लाख बच्चों को इस साल छात्रवृत्ति व पोशाक की राशि के लिए भटकना पड़ेगा. सरकार ने योजना को बेहतर व पारदर्शी बनाने के लिए धनराशि सीधे छात्रों के बैंक खाते में भेजने का निर्णय लिया है, जबकि बैंक में खाता खुलवाना मुश्किल हाे गया है. बैंक शाखाओं का चक्कर काटकर थक चुके अभिभावक अब सरकारी योजना का लाभ मिलने की उम्मीद भी छोड़ चुके हैं. कक्षा एक से आठ तक के छात्र-छात्राओं को सरकार की ओर से छात्रवृत्ति व पोशाक की राशि मिलती है, जबकि मैट्रिक व प्लस टू के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति के साथ प्रोत्साहन व साइकिल राशि भी मिलती है. सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि बच्चों के खाते में सीधे सभी योजनाओं की राशि भेजी जायेगी. विभाग के फरमान पर विद्यालयों ने अभिभावकों को खाता खुलवाने के लिए कहकर पल्ला झाड़ लिया, लेकिन बैंकों का चक्कर लगाकर अभिभावकों को पसीना निकलने लगा है. खासकर कक्षा एक से पांच तक के बच्चों के लिए सरकार का निर्देश मुसीबत बन रहा है. कई बैंकों ने पेच लगा दिया है कि 10 साल तक के बच्चे के नाम पर अकाउंट नहीं खुल सकता. ऐसे में कक्षा पांचवीं तक नामांकित 6,07,763 बच्चों के हाथ से सरकारी योजना की राशि निकलती दिख रही है. इसको लेकर आये दिन कभी बैंक शाखा में, तो कभी स्कूल में अभिभावक हंगामा भी कर रहे हैं. जीरो बैलेंस के कारण बैंक उदासीन बच्चों का खाता खोलने को लेकर बैंक उदासीन हैं क्योंकि इससे केवल बैंक के ग्राहकों की संख्या बढ़ती है, मुनाफा चवन्नी का भी नहीं है. दरअसल सरकार ने जीरो बैलेंस पर खाता खुलवाने का निर्देश दिया है. सभी बैंकों को पोषक क्षेत्र के छात्र-छात्राओं का खाता खोलना है, जिनकी संख्या हजारों में होगी. जब बैंक खाता खोलना शुरू करेंगे तो कुछ दिनों तक भीड़ बढ़ जायेगी, जिससे बैंक का कामकाज प्रभावित होने की आशंका है. इसको लेकर बैंक अधिकारी अभिभावकों को सीधे कोई न कोई बहाना बनाकर हटा देते हैं. कहीं 10 साल तक के बच्चों का अकाउंट नहीं खोलने की बात की जा रही है, तो कहीं पहचान पत्र व परिचय पत्र के चक्कर में मामला फंस रहा है. ::: बोले अधिकारी :::छात्र-छात्राओं को सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे उनके बैंक अकाउंट के माध्यम से दिया जायेगा, जिससे पूरी पारदर्शिता बनी रहे. जिले में बैंक अकाउंट खोलने में तमाम तरह की कठिनाइयां सामने आ रही हैं, इसकी शिकायत मिल रही है. बच्चों का परिचय पत्र अथवा 10 साल तक के बच्चों का अकाउंट नहीं खोलने की बात भी कई बैंक शाखाओं से कही गयी है. इसके लिए लीड बैंक मैनेजर से वार्ता कर समस्या का समाधान निकालेंगे. प्रयास होगा कि पोषक क्षेत्र के बैंक शाखाओं का स्कूल स्तर पर ही संपर्क करके सभी नामांकित छात्र-छात्राओं का एक साथ अकाउंट खुलवाया जाय. स्कूल के प्रधानाध्यापक की जिम्मेदारी होगी कि बैंक से फॉर्म लायें और सारी जरूरी प्रक्रिया पूरी करके खुद ही बैंक में जमा करवा दें. गणेश दत्त झा, जिला शिक्षा पदाधिकारी
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