मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर
पंचायती राज विभाग ने अनुशासनहीनता और कार्यक्षेत्र से गायब रहने वाले कार्यपालक सहायकों पर अपना शिकंजा कस दिया है. विभाग ने राज्य के विभिन्न जिलों में तैनात 50 से अधिक कार्यपालक सहायकों पर सख्त कार्रवाई करते हुए उनका चार दिनों का वेतन भुगतान रोकने का आदेश जारी किया है. विभाग के संयुक्त सचिव ने इस संबंध में सभी जिला पंचायती राज पदाधिकारियों को रिपोर्ट भेजकर स्पष्टीकरण पूछने और आगे की कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.वीडियो कॉल से खुली पोल, रैंडम जांच में पकड़े गए
विभाग की ओर से कार्यपालक सहायकों की कार्यशैली और उपस्थिति की निगरानी के लिए एक विशेष ””मॉनिटरिंग सेल”” का गठन किया गया है. इस सेल के माध्यम से सहायकों को रैंडम कॉल कर उनका लोकेशन पूछा जाता है. सत्यापन के लिए विभाग वीडियो कॉल का सहारा लेता है ताकि वास्तविक स्थिति का पता चल सके. इसी औचक जांच के दौरान पाया गया कि दर्जनों सहायक अपने कार्यक्षेत्र से बिना किसी पूर्व सूचना के अनुपस्थित थे.इन तारीखों का नहीं मिलेगा वेतन
जांच में अनुपस्थित पाए जाने के आधार पर विभाग ने 5, 8, 9 और 10 दिसंबर का वेतन भुगतान तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश दिया है.इस कार्रवाई की जद में मुजफ्फरपुर जिला भी आया है. मुजफ्फरपुर के पारू ब्लॉक के दो और मीनापुर के एक कार्यपालक सहायक पर कार्रवाई की गई है. इसके अलावा गया, गोपालगंज, मधुबनी, जहानाबाद, खगड़िया, कटिहार, पश्चिम चंपारण, पटना, नालंदा, पूर्वी चंपारण, नवादा, समस्तीपुर और सारण सहित अन्य जिलों के सहायकों पर भी विभाग का डंडा चला है.जवाबदेही तय करने का निर्देश
विभाग ने स्पष्ट किया है कि सरकारी कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. संयुक्त सचिव ने सभी संबंधित जिलों को निर्देश दिया है कि संबंधित कार्यपालक सहायकों से स्पष्टीकरण मांगा जाए कि आखिर वे ड्यूटी ऑवर में अपने निर्धारित स्थान पर क्यों नहीं थे. संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर इन पर अन्य विभागीय कार्रवाई भी हो सकती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

