मुजफ्फरपुर: एसकेएमसीएच के गायनी विभाग में मंगलवार की रात प्रसव के दौरान हुए नवजात की मौत की जांच शुरू हो गयी है. जांच की जिम्मेवारी स्त्री रोग विभागकी विभागाध्यक्ष डॉ. विभा सिन्हा को दी गयी है.
मंगलवार की रात जन्म के बाद नवजात की मौत हो गयी थी. परिजनों ने नर्स पर अवैध रूप से रुपये मांगने व रुपये नहीं देने पर नर्स पर नवजात की हत्या का आरोप लगाया था. इसके बाद लोगों ने जमकर हंगामा भी किया. लेकिन जूनियर डॉक्टरों के हस्तक्षेप के बाद हंगामा कर रहे मरीज डर से शांत हो गये थे.
नवजात की हत्या का लगाया आरोप : सहरसा के नवहट्टा निवासी बच्चन मिश्र के पुत्र पवन कुमार मिश्र ने बुधवार की शाम अस्पताल अधीक्षक को आवेदन देकर नर्सो की लापरवाही से नवजात की हत्या की बात कही है. उसने बताया कि अपने ससुराल औराई थाना के जनाढ़ बेदौल असली गांव से पत्नी शारदा देवी को प्रसव पीड़ा होने पर मंगलवार को एसकेएमसीएच के स्त्री रोग विभाग में भरती कराया था. रात को उसने लड़के को जन्म दिया था. इसके बाद नर्स ने उससे 1200 रुपये मांगे. जब उसने नर्स को चार सौ रुपये देने की बात कही तो उस वक्त बच्च जिंदा था.
बच्चा मांगने पर और पैसा देने को कहा गया. पैसा नहीं देने पर वह बच्चे को लेकर अंदर चली गयी. नर्स के आने पर बच्चे के बारे में पूछा तो कहा गया कि तुम्हारा बच्च मर गया है. बच्च को देखा तो उसके सिर से खून निकल रहा था.
स्त्री रोग विभाग में पैसे के खेल की खुलेगी पोल प्रसव के दौरान मरीज के परिजनों से नर्स की ओर से पैसे लेने का मामला सामने आया है. प्रसव के बाद मरीज के परिजनों से पांच सौ से एक हजार रुपये तक की मांग की जाती है. हर दिन यहां एक से डेढ़ दर्जन बच्चों का जन्म होता है. यहां भरती महिला के परिजन रानी देवी ने कहा कि लड़का होने पर उससे भी एक हजार रुपये लिये गये थे. प्रसव के लिए भरती सुनीता देवी, मंजू देवी व शांति देवी ने भी नर्स की ओर से रुपये लेने की पुष्टि की है.
अखबार में खबर प्रकाशित होने के बाद स्त्री रोग विभाग में जाकर पूछताछ की गयी है.जन्म लेने के बाद बच्चे की हालत गंभीर थी. सिर से खून निकलने की बात है, उस पर जांच के लिए स्त्री रोग विभागाध्यक्ष आभा सिन्हा को तीन दिनों के अंदर जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है.
डॉ जीके ठाकुर, अस्पताल अधीक्षक