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सत्यनारायण अपहरण कांड: छापेमारी करता था, करा दिये एसएसपी का तबादला

मुजफ्फरपुर: सत्यनारायण प्रसाद के अपहर्ताओं ने करोड़ों की फिरौती वसूलने के लिए उन पर हर तरह से दबाव डाला. यहीं नहीं, उनके अपहरण के कुछ दिन बाद से ही फिरौती की मांग की जाने लगी थी. प्रशासन की हर कार्रवाई से अपहर्ता उन्हें अवगत कराते हुए धमकी देते थे कि पुलिस उन लोगों तक कभी […]

मुजफ्फरपुर: सत्यनारायण प्रसाद के अपहर्ताओं ने करोड़ों की फिरौती वसूलने के लिए उन पर हर तरह से दबाव डाला. यहीं नहीं, उनके अपहरण के कुछ दिन बाद से ही फिरौती की मांग की जाने लगी थी. प्रशासन की हर कार्रवाई से अपहर्ता उन्हें अवगत कराते हुए धमकी देते थे कि पुलिस उन लोगों तक कभी नहीं पहुंच सकती. उनकी बरामदगी को लेकर तत्कालीन एसएसपी जितेंद्र राणा ने अलग-अलग टीम बना कर खुद भी छापेमारी कर रहे थे.

वे खुद चक्की सुहागपुर से लेकर कई ठिकानों पर सत्य नारायण की तलाश की थी. इसी बीच उनके अपहरण के 15 दिन बाद ही 5 अक्तूबर को उनका पटना एसएसपी के पद पर तबादला हो गया था. उनका तबादले की बात जान कर अपहर्ताओं ने बंधक बने स्कूल संचालक से कहा था कि देखा.. बहुत छापेमारी कर रहा था. एसएसपी का तबादला ही करा दिये. कुछ नहीं कर पायेगा प्रशासन. बिना फिरौती दिये तुम नहीं छूट सकते. प्रशासन के भरोसे रहने से तुम नहीं छूट सकते.

चालक को आगे बढ़ कर छोड़ा

नये साल के दिन सत्य नारायण को अपहर्ताओं ने मोतीपुर के पास छोड़ा था. उनका कहना था कि उन्हें आंख पर पट्टी बंधी थी. उसके बोलेरो से उतारने के कुछ दूर आगे जाकर चालक मुकेश को गाड़ी से उतारा गया था.

आज दर्ज नहीं हो सका बयान

सत्यनारायण प्रसाद की तबियत ठीक नहीं होने की वजह से सोमवार को पुलिस के समक्ष उनका बयान दर्ज नहीं किया जा सका. पुलिस का कहना है कि मंगलवार को फिर से उनका बयान दर्ज किया जायेगा. पुलिस के समक्ष बयान होने के बाद कोर्ट में उनका बयान होगा.

मिलने पहुंचे निजी विद्यालय संघ के पहुंचे पदाधिकारी

स्कूल संचालक से सोमवार को निजी विद्यालय संघ के पदाधिकारी मिलने पहुंचे. सत्यनारायण से सभी ने मिल कर उनका हाल-चाल जाना. इस दौरान सुधीर कुमार, राजेश कुमार, राजीव रंजन सहित कई अन्य मौजूद थे.

तीन बार नौकरी मांगने गयी थी लक्ष्मी

पुलिस के हत्थे चढ़ी चंदन की प्रेमिका लक्ष्मी देवी अपहरण के पूर्व नारायण एडुकेशन प्वाइंट में नौकरी मांगने जाती थी. बताया जाता है कि नौकरी मांगने का प्लान अपहरण कांड का ही एक हिस्सा था. हालांकि उसे स्कूल में नौकरी नहीं मिल पायी. वह घटना से पूर्व तक तीन बार स्कूल में अपने दो बच्चों के साथ अपने को बेसहारा बताते हुए नौकरी की तलाश में गयी थी. वह पोछा करने से लेकर बरतन धोने को भी तैयार थी. अपहर्ता उसके माध्यम से सत्यनारायण की गतिविधि जानना चाह रहे थे. लेकिन सफलता नहीं मिलने पर अपहर्ताओं ने स्कूल के चालक के भाई का इस्तेमाल लाइनर के रूप में किया. वह नगर थाना क्षेत्र के नूनफरा मोहल्ले की रहने वाली है. उसका पति चंदन सहनी गोरखपुर में मछली का कारोबार करता है. उसके पकड़े जाने के बाद इस बात का खुलासा हुआ था. उसने बताया था कि दो साल पूर्व चंदन भगत से उसका परिचय हुआ था. अपहरण में शामिल होने पर उसे भी पैसे का लालच दिया गया था.

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