समस्तीपुर. जिले के आंगनबाड़ी सेविका व सहायिकाओं के चयन में शिथिलता बरतना बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों को महंगा पड़ सकता है. आइसीडीएस ने ऐसे सीडीपीओ को चिंहित कर स्पष्टीकरण मांगा है. इसमें कल्याणपुर, दलसिंहसराय, उजियारपुर, हसनपुर, वारिसनगर, शिवाजीनगर, मोरवा, ताजपुर, समस्तीपुर ग्रामीण, पूसा, सरायरंजन व रोसड़ा की सीडीपीओ शामिल हैं. जारी स्पष्टीकरण में जिलाधिकारी के गत 11 नवंबर के आदेश का हवाला देते हुए कहा गया है कि सेविका सहायिका का चयन नहीं करना, स्वेच्छाचारिता, लापरवाही व कार्य के प्रति उदासीनता दर्शाता है. मैपिंग पंजी, आवेदन प्राप्ति पंजी, मेधा सूची की त्रुटियों का निवारण करने के बाद भी चयन प्रक्रिया सुस्त पड़ी हुई है. बताते चलें कि जिले में 15 अक्टूबर से आम सभा के माध्यम से सेविका सहायिका चयन प्रक्रिया शुरू की गयी थी. वहीं धीमी रफ्तार को देखते हुए निदेशालय ने 25 नवंबर को पत्रांक 6313 जारी करते हुए धीमी रफ्तार की तीखी आलोचना की थी. मात्र आठ परियोजना सिंघिया, खानपुर, मोहिउद्दीननगर, विभूतिपुर, बिथान, पटोरी व मोहनपुर में चयन प्रक्रिया की रफ्तार ठीक ठाक चल रही है.
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आमसभा के प्रति उदासीन दर्जन भर सीडीपीओ को नोटिस
समस्तीपुर. जिले के आंगनबाड़ी सेविका व सहायिकाओं के चयन में शिथिलता बरतना बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों को महंगा पड़ सकता है. आइसीडीएस ने ऐसे सीडीपीओ को चिंहित कर स्पष्टीकरण मांगा है. इसमें कल्याणपुर, दलसिंहसराय, उजियारपुर, हसनपुर, वारिसनगर, शिवाजीनगर, मोरवा, ताजपुर, समस्तीपुर ग्रामीण, पूसा, सरायरंजन व रोसड़ा की सीडीपीओ शामिल हैं. जारी स्पष्टीकरण में जिलाधिकारी के […]
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