मुजफ्फरपुर: अगर दिल में भक्ति है, श्रद्धा है, विश्वास है तो कहीं भी पूजा की जा सकती है. इसके लिए मंदिर की जरूरत नहीं. अब जेल को ही लें, जहां नवरात्र का माहौल पूरी तरह से भक्ति के रंग में डूबा हुआ है. कैदी उपवास रख रहे हैं. प्रार्थना कर रहे हैं कि गौरी अंबे मां, हमने जो अपराध किये हैं, उन्हें माफ करना.
24 घंटे नवरात्र पर मां की भक्ति में बंदी डूबे हैं. मां की आराधना कर रहे हैं. जेल में मां के जयकारे से माहौल भक्तिमय बना हुआ है. बंदी नवरात्र में पूजा पाठ में लगे हैं. जेल प्रशासन भी बंदियों की सेवा में लगा है. इन्हें सुबह-शाम पूजा से संबंधित सामग्री व खाने-पीने का ध्यान रखा जा रहा है. 175 बंदी व्रत रख कर मां की आराधना कर रहे हैं. जबकि कुछ बंदी अपने सीने पर कलश भी रखा है. मन में भक्ति, जुबान पर मां का नाम, अपने अंदर के रावण को मिटाने का ख्याल इन्हें शायद सही राह दे दे.
जेल के पंडित: जेल में बंद मनोज शास्त्री पिछले 18 महीने से दहेज हत्या के आरोप में सजा काट रहा है. नवरात्र में पूरे नौ दिनों का व्रत रखता है. जेल के अंदर होने वाली पूजा-पाठ में मंत्रोच्चरण भी वही करता है. सुबह व शाम जब भी मां की आरती होती है वही पंडित होता है. पूरे विधि विधान से पूजा पाठ किया जाता है. जहां व्रत रखने वाले बंदी भी इक्ठ्ठा होते हैं.
व्रत रखने वाले बंदियों का पूरा ख्याल रखा जाता है. सभी के लिए सुबह चाय व फल की व्यवस्था है तो शाम को पूजा के बाद उबले आलू, दूध व फल दिए जाते है.
ई जीतेंद्र कुमार,केंद्रीय जेल अधीक्षक मुज.