मुजफ्फरपुर : श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज के गायनोकोलॉजी विभाग में पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई से जुड़ी खामियाें की जांच करने सोमवार को मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया डॉ रोबिन मेधी एसकेएमसीएच पहुंचे. वे गायनोकोलॉजी विभाग के निरीक्षण के दौरान मरीजों की भीड़-भाड़ देख आश्चर्यचकित रह गये. बेड से अधिक प्रसूता और फर्श पर इलाज होने को लेकर नाराजगी भी जतायी. अल्ट्रासाउंड, पैथोलॉजी, शल्य कक्ष की बारीकी से जांच की.
एमसीएच के चालू नहीं रहने पर आपत्ति जतायी. इसके साथ ही कुछ चिकित्सक ड्यूटी पर नहीं मिले. इसको टीम ने नोट करके कॉलेज पहुंची. यहां एमबीबीएस और पीजी पढ़ाई से जुड़ी किताबों की पड़ताल सेंट्रल लाइब्रेरी में की. लेक्चर रूम और मरीज एक्जामिनेशन रूम को लेकर नाराजगी जतायी. निरीक्षण के दौरान टीम को मिली खामियों की वीडियोग्राफी और आपत्तियों को नोट करके वह वापस लौट गये.
प्राचार्य डॉ विकास कुमार ने बताया कि गायनोकोलॉजी विभाग में 14 सीटों पर पीजी की पढ़ाई की मंजूरी के लिए दावा की गयी थी. चार नवंबर को एमसीआई ने निरीक्षण किया था. निरीक्षण में मिली खामियां को दूर करके फिर से निरीक्षण करने को लेकर पत्राचार किया गया था. इसकी जांच करने एमसीआई पहुंची थी. इसके साथ ही माइक्रोबायोलॉजी में दो, स्कीन एवं रेडियोलॉजी विभाग में एक-एक, सर्जरी में दो-दो पीजी कोर्स की सीटों के लिए प्रस्ताव भेजा गया है. इसके लिए बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने भी केंद्र सरकार को नीति आयोग के फॉर्मेट के आधार पर प्रस्ताव भेजा है.
छह विभागों में हो रही पीजी की पढ़ाई. एसकेएमसीएच के छह विभागों में पीजी में पढ़ाई हो रही है. मेडिकल कॉलेज में 2013 से ही मेडिसिन में दो, पैथोलॉजी में दो, फिजियोलॉजी में दो, पीएसएम में एक, एनाटॉमी में एक व फार्माकोलॉजी में दो सीटें हैं. इसमें फिजियोलॉजी व मेडिसिन की डिग्री को ही एमसीआई ने मान्यता दी है.