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कांटी थर्मल की छाई से प्रदूषण की रिपोर्ट पर घिरा जिला प्रशासन

सुनील कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश के बाद भी कांटी बिजली उत्पादन निगम लिमिटेड से निकली छाई से हुए नुकसान की सर्वे रिपोर्ट नहीं सौंपने को लेकर जिला प्रशासन घिर गया है. एनजीटी ने कार्रवाई की चेतावनी देते हुए आयुक्त के माध्यम से एक माह के अंदर रिपोर्ट तलब किया […]

सुनील कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश के बाद भी कांटी बिजली उत्पादन निगम लिमिटेड से निकली छाई से हुए नुकसान की सर्वे रिपोर्ट नहीं सौंपने को लेकर जिला प्रशासन घिर गया है. एनजीटी ने कार्रवाई की चेतावनी देते हुए आयुक्त के माध्यम से एक माह के अंदर रिपोर्ट तलब किया है.

अगले तीन फरवरी को एनजीटी इस मामले की सुनवाई करेगी. इसके पूर्व छाई से हुई क्षति का आकलन कर समर्पित किये जाने का आदेश दिया गया है. कांटी के सत्यनारायण सहनी ने दिल्ली के एनजीटी में थर्मल पावर से निकली छाई से दस किलोमीटर परिधि में फसल और लोगों का स्वास्थ्य खराब होने की शिकायत दर्ज कराया था.
इस मामले में दायर ओए नंबर 272/2019 में सुनवाई करते हुए एनजीटी ने जिलाधिकारी को थर्मल से निकली छाई से हुए नुकसान का सर्वें कर प्रतिवेदन समर्पित करने का आदेश दिया. लेकिन, पिछले 25 नवंबर को हुई सुनवाई में सर्वें रिपोर्ट समर्पित नहीं किये जाने पर एनजीटी ने इसे गंभीरता से लिया.
इतना ही नहीं आदेश की अवहेलना करने पर कठोर कार्रवाई किये जाने की भी संभावना व्यक्त की. एनजीटी के गंभीर रूख को देखते हुए सरकार के मुख्य वन संरक्षक सह पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन के राज्य नोडल पदाधिकारी ने डीएम व बिहार राज्य प्रदुषण नियंत्रण पर्षद पटना से एक माह के अंदर छाई से हुई क्षति का सर्वें कर रिपोर्ट की मांग किया है. उन्होंने इसे अनिवार्य बताया है.
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल(एनजीटी) ने दी कार्रवाई की चेतावनी
दो माह में छाई से हुए नुकसान का जिला प्रशासन को देना था सर्वे रिपोर्ट
नहीं हो सका सर्वें, एनजीटी ने आयुक्त के माध्यम से एक माह में मांगी रिपोर्ट
तीन फरवरी को सुनवाई सत्यनारायण सहनी ने दर्ज करायी है शिकायत
राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने भी मांगी थी रिपोर्ट
एनजीटी के निर्देश पर राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने कांटी बिजली उत्पादन निगम लि. से निकलने वाले छाई से कृषि पर पड़ने वाले प्रभाव के अध्ययन के लिए कृषि विशेषज्ञ संस्थान को निर्देश दिया था. पर्षद के सदस्य सचिव आलाेक कुमार ने पत्र जारी करते हुए कहा था कि कोठिया गांव में थर्मल का एेश पांड है, जिसमें थर्मल से निकलने वाले छाई काे भंडारित किया जाता है.
निरीक्षण के दाैरान भी ग्रामीणाें की शिकायत थी कि इससे काेठिया और आस-पास के गांवाें में कृषि के साथ लाेगाें की सेहत खराब हाे रही है. इसे देखते हुए थर्मल पावर प्लांट से 10 किमी. की परिधि में इससे हाेने वाले नुकसान का सर्वे कराने के लिए कहा गया है. अध्ययन के बाद रिपाेर्ट एनजीटी काे भेजी जायेगी.

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