मुजफ्फरपुर : ‘मॉब लिंचिंग’ (भीड़ द्वारा पीट पीट कर हत्या) की बढ़ती घटनाओं में हस्तक्षेप के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने वाली 49 जानी-मानी हस्तियों के खिलाफ बिहार पुलिस द्वारा दर्ज राजद्रोह के एक मामले को बंद करने के खिलाफ शिकायतकर्ता ने गुरुवार को स्थानीय अदालत में एक विरोध पत्र दायर किया.
मुजफ्फरपुर के स्थानीय अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा द्वारा गत जुलाई महीने में दायर एक याचिका पर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सूर्यकांत तिवारी के आदेश पर पिछले हफ्ते सदर थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की गयी थी, जिसे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार ने बुधवार को साक्ष्य नहीं होने के मद्देनजर इसे बंद करने का आदेश दिया था. इसके साथ ही दुर्भावना से ग्रसित होकर झूठा मुकदमा दर्ज किये जाने को लेकर ओझा के खिलाफ भादसं की धारा 182 और 211 के तहत मामला दर्ज किए जाने का निर्देश दिया था.
ओझा ने पुलिस द्वारा इस मामले को बंद किये जाने के खिलाफ गुरुवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में एक विरोध पत्र दायर कर अदालत से अपने स्तर या फिर सीबीआई से मामले की जांच का आग्रह किया. उन्होंने बताया कि अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 11 नवंबर निर्धारित की है.