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मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार का कहर : हार्ट पंप के बाद एक बार लौटी सांस, फिर शरीर हो गया ठंडा
मुजफ्फरपुर : डॉक्टर साहब… एक जोर की चीख सुनते ही केजरीवाल के आईसीयू में बच्चे को देख रहे डॉ चैतन्य कुमार भर्ती बच्चे के बेड पर आते हैं. बच्चे को आला लगाने के बाद उन्हें लगता है कि बच्चे की सांसें अब नहीं हैं. वे तुरंत बच्चे के सीने पर दोनों हाथ रख पंप करना […]
मुजफ्फरपुर : डॉक्टर साहब… एक जोर की चीख सुनते ही केजरीवाल के आईसीयू में बच्चे को देख रहे डॉ चैतन्य कुमार भर्ती बच्चे के बेड पर आते हैं. बच्चे को आला लगाने के बाद उन्हें लगता है कि बच्चे की सांसें अब नहीं हैं. वे तुरंत बच्चे के सीने पर दोनों हाथ रख पंप करना शुरू करते हैं. पारामेडिकल स्टाॅफ भी डॉक्टर के निर्देश के अनुसार बच्चे की सांस लौटाने के लिए मुंह पर एक उपकरण लगाता है.
तीन बार डॉक्टर पंप करते हैं, तो बच्चे के मुंह में एक बार पंप दिया जाता है. तीन-चार बार यह प्रक्रिया अपनाये जाने पर बच्चे की सांस एक बार लौटती है, फिर अचानक, सब कुछ खत्म. हालांकि डॉक्टर की कोशिश जारी रहती है. पांच मिनट तक यह प्रक्रिया दोहराये जाने के बाद भी बच्चे की सांस नहीं लौटती. बेड नंबर एक पर सात वर्षीय बेटे चिंटू की यह हालत देख मां पहले तो थोड़ा धैर्य रखती है, लेकिन फिर दहाड़ मार कर रोने लगती है. इतने में दूसरे बेड से चिल्लाने की आवाज आती है.
डॉक्टर उधर भागते हैं. बच्चे काे देख कहते हैं, घबराइए नहीं, फीवर है. सूती कपड़े को भींगोकर बच्चे का बदन पोछें. फिर तीसरे बच्चे का इलाज. इतने में नये मरीज को लेकर उसके परिजन भागते हुए आईसीयू में पहुंचते हैं. डॉक्टर साहब देखिए इसे. बीमारी के खौफ से सहमे हुए मरीज के परिजन. खाना-पीना भूल कर बस बच्चे के स्वस्थ हो जाने की प्रार्थना.
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