मुजफ्फरपुर : उत्तर रक्षा गृहकांड में लापता तीनों दुष्कर्म पीड़िताओं का महिला थाने की पुलिस ने सत्यापन कर लिया है. दो पीड़िता पटना बालिका गृह व एक अपने माता-पिता के साथ पैतृक गांव में रह रही है. तीनों दुष्कर्म पीड़िताओं को मुआवजा दिलाने के लिए महिला थानेदार ने समाज कल्याण निदेशालय को प्रस्ताव भेज दिया है.
पीड़िताओं का रिकाॅर्ड पुलिस के पास नहीं होने के कारण जांच में देरी हो रही थी. साथ ही उनकी न्यायालय में पेशी नहीं होने के कारण केस का ट्रायल भी बाधित हो रहा था. मामले को लेकर थाने में दर्ज प्राथमिकी में किशाेरियाें का पूरा पता देने के बजाय उन्हें उत्तर रक्षागृह गाेबरसही दिये जाने के कारण महिला थाने की पुलिस को उनके नाम-पते के सत्यापन करने में परेशानी हुई.
2013 में गोबरसही के मझौलिया स्थित उत्तर रक्षागृह की तीन किशोरियों से दुष्कर्म मामले में महिला थाने में तीन अलग-अलग दो प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. लेकिन, पुलिस इस कांड को लंबित दिखा कर केस के फाइल को दबाये हुई थी. जब बालिका गृहकांड सुर्खियों में आया तो जून 2018 में इस केस की फाइल खोली गयी.
समीक्षा में सामने आया कि कांड में आरोपित रेखा कुमारी, सरिता कुमारी, ममता देवी व सुमन देवी पर चार्जशीट दायर है. शेष आरोपित इंद्रजीत, कमल कुमार, महावीर, किरण कुमारी और लक्ष्मी देवी पर जांच लंबित था. इसके बाद महिला थाने की पुलिस ने फिर से छानबीन शुरू कर लक्ष्मी देवी और किरण कुमारी को जेल भेज दिया. वहीं, मुख्य आरोपित इंद्रजीत की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है.