मुजफ्फरपुर: पवन एक्सप्रेस में मंगलवार को लीची लोडिंग के दौरान अफरा-तफरी मच गयी. हुआ यूं कि पवन एक्सप्रेस अपने समय से जंकशन के प्लेटफॉर्म संख्या चार पर पहुंची. एसएलआर कोच में मजदूर लीची लोड करने लगे. इसी बीच ट्रेन खुल गयी, लेकिन एसएलआर कोच में लीची लोडिंग जारी रही. तभी गार्ड ने पुन: चालक को कह कर ट्रेन को रोक दी.
वैक्यूम कर होती रही लीची की ढुलाई : पवन एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म संख्या चार से खुल जाती है. लीची व्यापारी में से एक दौड़ कर एक बोगी मे चढ़ता है और चेन पुलिंग कर देता है. फिर लोडिंग चालू हो गयी. यह खेल तब तक चलता रहा जब तक व्यापारियों का माल ट्रेन में लोड नहीं हो गया.
50 रुपये में हो जाता है गार्ड का मुंह बंद : वैक्यूम की जानकारी आरपीएफ को नहीं होती. गार्ड भी बार-बार हो रहे वैक्यूम को बंद करवाने के लिए कंट्रोल का सूचना नहीं दे रहे. व्यापारी तो बस गार्ड का मुंह 50 रुपये में ही बंद कर देता हैं. व्यापारी चेन पुलिंग करते हैं. गार्ड उन पर गुस्सा करता है. फिर व्यापारी आराम से उनके पॉकेट में भीड़ का फायदा उठाते हुए पैसा डाल देते है. फिर क्या है, जितनी बार चाहो चेन पुलिंग करते रहो.
सील मैन के गायब रहने से नहीं हो सका पार्सल यान सील : व्यापारियों ने तो पार्सल कोच में लीची की लोडिंग करवा ली. लेकिन सील मैन मौके से फरार था.आखिर में कंट्रोल के निर्देश पर पार्सल यान को बिना सील किये ही हाजीपुर के लिए रवाना किया गया. हालांकि, गार्ड ने विरोध किया व कंट्रोल से निर्देश भी मांगा. कंट्रोल से निर्देश पर आनन-फानन में पार्सल यान को बंद कर दिया गया और पुराना वाला सील को ही बांध दिया गया.
इधर, पवन एक्सप्रेस के साधारण कोच में यात्र कर रहे अशोक दास, मनोज ठाकुर, अमित रंजन सहित दर्जनों यात्री कोच से उतर गार्ड से ट्रेन को अविलंब चलाने को कहते हैं. उनका कहना था कि कोच संख्या 09407 में तिल रखने की जगह नहीं है. यात्रियों के विरोध पर गार्ड ने कंट्रोल से अनुमति लेकर पार्सल वान को बिना सील कराये ही ट्रेन को चलाया.