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मरीजों के बिस्तर व खाने पर चूहे कर रहे हमला

मुजफ्फरपुर : सदर अस्पताल में इन दिनों चूहों के आतंक से मरीज परेशान हैं. वार्ड में भर्ती मरीजों पर रात में चूहे हमले भी कर रहे हैं. परेशान मरीज रात में अब मच्छरदानी लगा कर सोते हैं. चूहों के आंतक को देख अस्पताल प्रशासन एसएनसीयू में भर्ती बच्चों को चूहों से बचाने में लगा है. […]

मुजफ्फरपुर : सदर अस्पताल में इन दिनों चूहों के आतंक से मरीज परेशान हैं. वार्ड में भर्ती मरीजों पर रात में चूहे हमले भी कर रहे हैं. परेशान मरीज रात में अब मच्छरदानी लगा कर सोते हैं. चूहों के आंतक को देख अस्पताल प्रशासन एसएनसीयू में भर्ती बच्चों को चूहों से बचाने में लगा है. वार्ड में भर्ती मरीज कहते हैं कि रात में चूहों का आतंक इतना बढ़ जाता है कि बेड पर लेटे मरीज के सिर व पैर में भी चूहे हमले कर रहे हैं.
चूहों के आतंक से परेशान मरीजों ने अस्पताल अधीक्षक डॉ मेंहदी हसन से इसकी शिकायत की है. इस पर अधीक्षक ने हर दिन चूहे मारने की दवा वार्ड व एसएनसीयू में देने का निर्देश दिया है. इसके अलावा प्रसव वार्ड, पुनर्वास केंद्र में भी चूहे मारने की दवा दी जा रही है. एएनएम व नर्स को चूहों पर नजर रखने को कहा गया है.
दरभंगा में एक नवजात को चूहे के कुतर देने से मौत होेने के बाद अस्पताल प्रशासन इसे गंभीरता से ले रहा है. अस्पताल अधीक्षक डॉ मेंहदी हसन ने माना कि सदर अस्पताल में चूहों का आतंक है. बड़े-बड़े चूहों से वार्ड में भर्ती मरीज काफी दहशत में हैं. यहां आवारा कुत्तों का भी आतंक है. कुत्ते मरीजों के बेड पर सोते हैं और अस्पताल की ओर से मरीजों को मिलने वाला खाना भी खा जाते हैं.
यह सिलसिला वर्षों से चल रहा है. मरीजों की कई बार शिकायत के बाद भी अस्पताल प्रबंधन कोई उचित कदम नहीं उठा सका है. अधीक्षक डॉ मेंहदी हसन ने कहा कि नगर निगम को पत्र लिख कर उन्होंने चूहों को मारने और आवारा कुत्तों को पकड़ने की बात कही है. उन्होंने बताया कि चूहों को मारने के लिए रोगी कल्याण समिति से दवा खरीदारी की गयी है.
अभी सात हजार रुपये की दवा खरीद की गयी है, प्रसव वार्ड में घूम रहे कुत्ते
मुजफ्फरपुर : एक ओर एसकेएमसीएच को एम्स का दर्जा दिलाने की कवायद चल रही है, दूसरी ओर स्त्री रोग विभाग में प्रसव के बाद महिलाओं को फर्श पर ही रखा जाता है. उस पर तुर्रा यह कि वार्ड में आवारा कुत्ते भी घूमते रहते हैं. इससे नवजात की सुरक्षा सवालों के घेरे में है. गुरुवार की शाम भी प्रसव वार्ड में एक कुत्ता घुस गया.
इससे वार्ड में अफरा-तफरी मच गयी. परिजन अपने-अपने बच्चों को छुपाने लगे. इस बीच कुत्ता कचरे से कुछ निकल कर बेड पर ले गया और उस पर बैठ कर खाने लगा. वार्ड में गंदगी से इंफेक्शन व रैबीज का भी खतरा है. इस बीच वार्ड में मौजूद सुरक्षाकर्मी मूकदर्शक बने रहे. कुछ देर के बाद सफाईकर्मियों ने कुत्ते को भगा दिया.
वार्ड में मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने बताया कि यहां अक्सर कुत्ते घूमते रहते हैं. भगाने के बावजूद वे फिर आ जाते हैं. इसके कारण वे लोग उसे नहीं भगाते. अस्पताल के हर वार्ड में आवारा कुत्ते घूमते हैं.
अस्पताल में तैनात हैं 130 से अधिक सुरक्षाकर्मी
एसकेएमसीएच की सुरक्षा में निजी कंपनी के 130 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात हैं. इन पर लाखों रुपये का खर्च होता है. इसके बाबजूद असपताल की सुरक्षा भगवान भरोसे है. ये सुरक्षाकर्मी अपने वाहन तक की सुरक्षा तक नहीं कर पाते. सुरक्षा के ख्याल से अधीक्षक प्रकोष्ठ के पास ही वाहन पार्किंग करते हैं. इससे मरीज व उनके परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

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