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साबरमती व जनसाधारण एक्स.से लौटे मुजफ्फरपुर के लोगों ने सुनायी पीड़ा, गुजरात में हिंदी बोलने वालों को खोज-खोज कर पीट रहे

मृत्युंजय/नीतेश, मुजफ्फरपुर :गुजरात के साबरकांठा जिले में 14 माह की एक बच्ची से दुष्कर्म के बाद उपजी हिंसा की वजह से वहां रह रहे बिहारियों में दहशत का माहौल है. बड़ी संख्या में लोग सपरिवार अपने गांव लौटने लगे हैं. मंगलवार को जनसाधारण एक्सप्रेस और साबरमती एक्सप्रेस मुजफ्फरपुर पहुंची तो गुजरात से लौट रहे लोगों […]

मृत्युंजय/नीतेश, मुजफ्फरपुर :गुजरात के साबरकांठा जिले में 14 माह की एक बच्ची से दुष्कर्म के बाद उपजी हिंसा की वजह से वहां रह रहे बिहारियों में दहशत का माहौल है. बड़ी संख्या में लोग सपरिवार अपने गांव लौटने लगे हैं. मंगलवार को जनसाधारण एक्सप्रेस और साबरमती एक्सप्रेस मुजफ्फरपुर पहुंची तो गुजरात से लौट रहे लोगों के चेहरे पर खौफ का साया था.
हिंसा के कारण डोमाराम का पूरा परिवार मुजफ्फरपुर लौट गया है. अब वे शायद ही वापस जा पायें. बच्चों की पढ़ाई भी छूट गयी है. मारपीट में विवेक कुमार का पैर जख्मी हो गया है. वह कहते हैं, मौत को सामने से देखा है. एक के चलते सब बिहारियों के साथ दुर्व्यवहार बहुत गलत है. सरकार ने भी हमारा साथ नहीं दिया. अहमदाबाद स्टेशन पर भी उपद्रवी मौजूद थे. किसी तरह मुंह छुपा कर लौटा हूं.
जनसाधारण एक्सप्रेस से लौटे लोगों ने बताया कि गुजरात में हिंदी बोलने पर बिहारियों की पिटाई हो रही है. डरे-सुहमे बिहारी मजदूर वहां से भागने को मजबूर हैं. यहां तक कि जो लोग वर्षों से वहां घर बनाकर रह रहे हैं, उन्हें भी भागने को कहा जा रहा है.अहमदाबाद से भाग कर बिहार पहुंच रहे लोगों को चार-पांच दिनों से भरपेट भोजन तक नसीब नहीं हुआ है. अगर ऐसा माहौल रहा तो अब नहीं जायेंगे.
साबरमती एक्सप्रेस से अपने बच्चों को लेकर पहुंची जन्नत के चेहरे से गुजरात का डर साफ पढ़ा जा सकता था. उसने अपने देवर के साथ बच्चों को लेकर अहमदाबाद से ट्रेन पकड़ ली थी. उसका शौहर इस्माइल अब भी गुजरात में ही था जिसकी सलामती की दुआ वह पूरे रास्ते करते आयी थी. जन्नत के साथ सैकड़ों लोग थे जो अपने परिवारों के साथ अपना धंधा पानी छोड़कर साबरमती से उतर रहे थे. सभी में डर एक समान था और लोग स्टेशन से उतरते ही घर चले जाना चाहते थे.
साबरमती एक्सप्रेस का जनरल डब्बा गुजरात से लौटकर आने वाले लोगों से ही भरा हुआ था. सभी अपना बोरिया बिस्तर संभाले हुए थे और सीधे अपने घर की ओर रवाना हो रहे थे. अपने पूरे परिवार के साथ लौट रहे दुर्गा देवी ने बताया कि उसका पूरा परिवार अहमदाबाद में पांच साल से वहां रह रहा था. वहां की फैक्ट्री में उसके पति, देवर और बेटे काम करते थे. लेकिन दो दिन पहले फैक्ट्री से आकर उनके पति ने सब कुछ छोड़कर यहां से चलने को कहा. उसके बेटों ने कहा कि कुछ लोगों ने कहा है कि यहां रहना जान-माल के लिए ठीक नहीं.
जिंदा बच कर आने की नहीं थी उम्मीद
विपिन कुमार: सैकड़ों की संख्या में लोग अचानक आकर सबसे पूछते हैं कि बिहारी कौन-कौन है आगे आ जाएं. पता चलने पर बिहारियों को लाठी-डंडे से पीटा जाता था. जान बचा कर घर आ रहा हूं. जिंदा बच कर आना मुश्किल था.
गणेश कुमार: हमारी कंपनी में सैकड़ों की संख्या में बिहारी मजदूर काम करते हैं. इसकी सूचना उपद्रवियों को मिल चुकी थी. हजारों की संख्या में उपद्रवी पहुंच कर जान लेने की फिराक में थे. गेट बंद कर दूसरे रास्ते थे हमलोग फरार हुए.
ब्रिज कुमार: बिहारी बोलने पर मुंह पर मुक्का से मारते थे. सड़क पर निकलना मुश्किल हो गया था. भगवान का नाम लेकर हमलोग निकले हैं. अब वापस नहीं जायेंगे.
रमेश कुमार: अचानक हिंसा भड़कने के दौरान मैं अपनी कंपनी में काम कर रहा था. सैकड़ों की संख्या में लोग आये और पीटना शुरू कर दिये. जब तक समझते, तब तक हमें मार कर अधमरा कर दिया गया था. किसी तरह ट्रेन से वापस आ रहा हूं.
गुजरात में बिहार के लोग मजबूती से रहें: नीतीश
पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि गुुजरात में रह रहे बिहार के लोग मजबूती से रहें. उन्होंने कहा कि गुजरात में बिहार के लोगों की सुरक्षा को लेकर वहां के अधिकारियों के साथ बिहार के अधिकारी लगातार संपर्क में हैं. गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी से भी बातचीत हुई है. उन्होंने भी सुरक्षा देने की बात कही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां के मुख्य सचिव व डीजीपी गुजरात केमुख्य सचिव व डीजीपी से लगातार संपर्क में हैं.
मंगलवार को मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद में कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री बोल रहे थे. मालूम हो कि नीतीश कुमार पहले कह चुके हैं कि जो भी घटनाएं हुईं, वो निंदनीय हैं, लेकिन जो दोषी व्यक्ति है उसे सजा देनी चाहिए. इस तरह से बेकसूर लोगों के साथ गलत बर्ताव नहीं होना चाहिए.
अल्पेश ठाकोर को भेजें सलाखों को पीछे: सुशील मोदी : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कांग्रेस नेता अल्पेश ठाकोर पर निशाना साधते हुए कहा कि घटना के पीछे मूल रूप से वह है. गुजरात सरकार अल्पेश ठाकोर को सलाखों के पीछे भेजे. उन्होंने गुजरात सरकार से आग्रह किया है कि अल्पेश ठाकोर पर कार्रवाई होनी चाहिए. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात में रह रहे बिहार के लोगों की सुरक्षा को लेकर वहां के मुख्य सचिव व डीजीपी से यहां के अधिकारी लगातार संपर्क में है.

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