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औराई के सौ और रुन्नीसैदपुर के दर्जनभर गांवों पर बाढ़ का खतरा
औराई : पिछले साल रुन्नीसैदपुर के भादाडीह गांव में बागमती नदी का तटबंध करीब आधा किमी में टूट गया था. एक वर्ष गुजरने के बाद फिर से बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. एक ओर जहां भादाडीह में टूटे बागमती बांध की मरम्मत का कार्य संतोषजनक नहीं हुआ है. वहीं दूसरी ओर औराई क्षेत्र में […]
औराई : पिछले साल रुन्नीसैदपुर के भादाडीह गांव में बागमती नदी का तटबंध करीब आधा किमी में टूट गया था. एक वर्ष गुजरने के बाद फिर से बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. एक ओर जहां भादाडीह में टूटे बागमती बांध की मरम्मत का कार्य संतोषजनक नहीं हुआ है. वहीं दूसरी ओर औराई क्षेत्र में लखनदेई नदी के आठ स्थानों पर टूटे तटबंध की मरम्मत नहीं होने से औराई में बाढ़ आना निश्चित है.
भादाडीह में बांध टूटने से रून्नीसैदपुर प्रखंड के इब्राहिमपुर, भादाडीह, रकसिया, रैन शंकर, रैन विशनु, अथरी, खड़का, गरगटटा, रामपुर, माधोपुर, सैदपुर, सोनपुरवा समेत दर्जन भर गांवों में रातोंरात बाढ़ आ गया था. सभी लोग बागमती के उत्तरी बांध पर शरण लिये थे. बाढ़ का पानी औराई से गुरने वाली लखनदेई नदी में प्रवेश कर गया. उसके बाद लखनदेई नदी में पानी इतना बढ़ गया कि तटबंध रामखेतारी, राजखंड मोकररी, विशनपुर, औराई, छोटी सीमरी, सस़ौली, धसना समेत आठ स्थानों पर बुरी तरह टूट गया. इससे औराई के राजखंड उत्तरी, दक्षिणी, औराई, धरहरवा, धनशयामपुर, भरथुआ, नया गांव, बभनगावां, रतवारा पश्चिमी, पूर्वी, सीमरी आलमपुर, विशनपुर गोखुल, मथुरापुर बुर्जुग, रामपुर, भलुरा खेतलपुर पंचायतों के करीब सौ गांवों में तबाही मची थी. बाढ़ से न सिर्फ किसानों की फसलें तबाह हुई बल्कि धनश्यामपुर, धरहरवा, रतवारा पश्चिमी, औराई समेत कई पंचायतों की दर्जन भर सड़कों के साथ पुल पुलिया को भी तहस नहस कर दिया था.
औराई क्षेत्र में आठ स्थानों पर अब तक मरम्मत नहीं. दूसरी ओर औराई से गुजरने वाली लखनदेई नदी के आठ स्थानों पर टूटे तटबंध के मरम्मत के लिए अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है, जिससे एक सौ गांव के लोग दहशत में जी रहे हैं. हजारों किसानों ने खेती से तौबा कर लिया है. लखनदेई नदी के टूटे तटबंध की मरम्मत को लेकर जिलाधिकारी मो. सोहैल ने बीस दिन पूर्व क्षेत्र के धंसना व छोटी सीमरी में टूटे तटबंध का मुआयना कर जल्द से जल्द एसेसमेंट रिपोर्ट विभाग को भेज कर मरम्मत का भरोसा दिलाया था, मगर अब तक उस दिशा में कुछ भी नहीं किया गया. जिप सदस्य सुजाता किंकर ने बताया कि प्रशासन नहीं चाहता कि तटबंध की मरम्मत हो, ताकि बाढ़ आने पर फिर लूटखसोट किया जाये.
त्रासदी को बताते हुए कांप उठते हैं लोग
भादाडीह में टूटे बागमती नदी के तटबंध की मरम्मत से असंतुष्ट इब्राहिमपुर गांव के किसान रामप्रवेश बैठा, नंदू राय, रामपुकार राय पिछले साल की त्रासदी को बताते हुए कांप उठते हैं. किस तरह पूरा क्षेत्र डूब गया था. बांध टूटते ही सोचने तक का मौका नहीं मिला. घरों में रखे सामान को छोड़ खाली हाथ सपरिवार किसी प्रकार भाग कर तटबंध पर शरण लेकर जान बचाई थी. भादाडीह गांव के मजदूर शशिशेखर, रामबाबू साह, नारायण राय, मो. जमील ने बताया कि हमलोग के दिल से अभी तक बाढ़ का भय नहीं निकला है. सरकार ने बांध की मरम्मत तो कराई पर कई स्थानों फिर से कटाव होने से हमलोग फिर से दहशत में जी रहे हैं.
बाढ़ ने तोड़ी किसानों की कमर
वहीं खरका पंचायत के सरपंच शैलेंद्र सिंह ने बताया कि खड़का गांव में बागमती नदी की धारा बांध के बिल्कुल करीब से गुजर रही है. इस कारण बांध में कटाव हो रहा है. समय पर कटाव नहीं रोका गया तो पुनः बांध दरक सकता है. पंचायत के मुखिया आकाश दास ने बताया कि गत वर्ष आए बाढ़ ने यहां के लोगों की कमर ही तोड़ दी है. बांध की ठीक ढंग से मरम्मत नहीं होने से कई स्थानों पर कटाव जारी है, जबकि 25 प्रतिशत बाढ़ पीड़ितों व किसानों को अब तक मुआवजे की राशी नहीं मिल पाई है. कुछ लोगों ने बांध निर्माण करने वाले ठेकेदार की ओर इशारा करते हुए कहा कि तटबंध मरम्मत के नाम पर जमकर लूट खसोट हुई है.
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