मुजफ्फरपुर : महिला थाने में शनिवार की दोपहर बारी-बारी से एसएसपी ने खुद वहां कार्यरत महिला कर्मचारियों से पूछताछ की. उनके सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर वह खुद पूरे टीम के साथ बालिका गृह पहुंच गयी. वहां के कमरों की हालत देख चौंक गयी. बालिका गृह में जाने के लिए तीन इंट्रेस देख कर उन्होंने सभी सीढ़ी से खुद उतर कर पड़ताल की.
एक सीढ़ी का इस्तेमाल किरायेदार, दूसरा बालिका गृह व तीसरी सीढ़ी प्रिटिंग प्रेस के कार्यालय में जाती है. उन्होंने अधीक्षक से पूरी व्यवस्था व नियम कानून की जानकारी ली. बच्चियों से मिलने आने वाले परिजनों से भेंट करने का क्या प्रक्रिया थी. वहां मौजूद कई किरायेदार से भी पूछताछ की गयी.आस-पास के लोगों से अकेले में भी एसएसपी ने पूछताछ की. वह बालिका गृह के रख-रखाव से काफी असंतुष्ट थी. इधर, पुलिस ब्रजेश ठाकुर के खिलाफ साक्ष्य एकत्रित करने में जुटी है. कोशिश टीम की रिपोर्ट के अलावा बच्चियों के बयान का इंतजार पुलिस कर रही है.
पैरवी में पहुंचे नेता को पुलिस ने हड़काया. मामले में पैरवी को पहुंचे एक नेता को अपना रुतबा दिखाना महंगा पड़ा. वहां मौजूद एक थानेदार ने नेताजी को मामले से अलग हो जाने की सलाह दी. मामले में दिलचस्पी दिखाने पर कार्रवाई की रडार में आ जाने की जानकारी दी. इस पर नेता जी वहां से तुरंत लौट गये.
सर, चलने में परेशानी हो रही है. ब्रजेश ठाकुर को जब पुलिस महिला थाने लेकर पहुंची तो उन्हें चलने में परेशानी हो रही थी. मामले की जानकारी जब ब्रजेश ठाकुर ने एक पुलिस अधिकारी को दी तो उन्होंने आगे और भी परेशानी बढ़ने की चेतावनी दी गयी.
रिपोर्ट के बारे में जानकारी नहीं : धर्मेंद्र सिंह
पूर्व जिलाधिकारी व वर्तमान में श्रम विभाग में निदेशक धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि बाल संरक्षण आयोग की टीम ने समीक्षा की थी. लेकिन रिपोर्ट के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. वह जिला प्रशासन के पास होगी.