मुजफ्फरपुर : ग्रामीण बैंक के कर्मियों को प्रायोजक बैंकों के समान वेतन सहित सात सूत्री मांगों को लेकर यूनाइटेड फोरम ऑफ आरआरबी यूनियंस (यूएफआरआरबीयू) के आह्वान तीन दिवसीय हड़ताल के पहले दिन सोमवार को उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक (यूबीजीबी) की 18 जिलों में कार्यरत 1034 शाखाएं बंद रहीं. यूनियन के नेतृत्व में कलमबाग रोड स्थित ग्रामीण बैंक के प्रधान कार्यालय पर कर्मियों ने धरना-प्रदर्शन किया. स्थानीय संयोजक अरुण कुमार सिंह ने बताया कि हड़ताल के कारण करीब 1550 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ है. नकद लेन-देन व चेक क्लीयरिंग के सभी काम प्रभावित रहे.
इस माैके पर राष्ट्रीय संयोजक डॉ डीएन त्रिवेदी ने बताया कि ग्रामीण बैंक के कर्मचारियों को प्रायोजक बैंकों के समान वेतन व अन्य सुविधा देने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर केंद्र सरकार ने नेशनल ट्रिब्यूनल का गठन किया, लेकिन अब तक इसका लाभ नहीं मिला. ग्रामीण बैंक की स्थापना के चार दशक बाद भी ग्रामीण बैंक कर्मियों की समस्याओं के निराकरण के लिए कोई मंच नहीं है. यहीं कारण है कि आज ग्रामीण बैंकों के कर्मचारी अपनी मांग को लेकर दर-दर की ठोकर खा रहे हैं.
वहीं, सरकार शीघ्र निजीकरण का आदेश वापस ले, पेंशन को लागू करे, अनुकंपा नियुक्ति शुरू करे. ग्रामीण बैंकों में निजी पूंजी के समावेश के आदेश को वापस ले. हड़ताल में पूर्णिया, सहरसा, कटिहार, अररिया, मधेपुरा, सहरसा, सुपौल, मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, शिवहर, सीतामढ़ी, बेतिया, मोतिहारी, गोपालगंज, सीवान, छपरा, वैशाली आदि जिलों में यूबीजीबी की 1034 शाखाएं बंद रहीं. प्रदर्शन को प्रशांत कुमार, एएम सोज, आनंद राज, विनोद शरण, अजीत कुमार श्रीवास्तव, रामानुज कुमार सिन्हा, प्रदीप कुमार मिश्रा, संतोष कुमार, अशोक कुमार ठाकुर, विमल कुमार सिन्हा आदि ने संबोधित किया.