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माहौल बिगाड़ने की थी पूरी साजिश सड़क पर बिखरे पत्थर दे रहे गवाही

प्रतिमा विसर्जन के दौरान हंगामा. रोड़ेबाजी में अनियंत्रित हो गयी थी भीड़ देर रात तक शांति कायम करने का प्रयास, मौके पर पुलिस बल तैनात मुजफ्फरपुर : करजा थाने के मकदुमपुर कोदरिया गांव में सुबह से ही माहौल बिगाड़ने का प्रयास हाे रहा था. दोपहर में बाइक सवार युवकों का जत्थे आपत्तिजनक नारे लगाते हुए […]

प्रतिमा विसर्जन के दौरान हंगामा. रोड़ेबाजी में अनियंत्रित हो गयी थी भीड़

देर रात तक शांति कायम करने का प्रयास, मौके पर पुलिस बल तैनात
मुजफ्फरपुर : करजा थाने के मकदुमपुर कोदरिया गांव में सुबह से ही माहौल बिगाड़ने का प्रयास हाे रहा था. दोपहर में बाइक सवार युवकों का जत्थे आपत्तिजनक नारे लगाते हुए पूरे गांव में घूमा. देर शाम जब अधिकारियों की टीम गांव में पहुंची तो एक किमी में सड़क पर बिखड़े रोड़े और ईंट पत्थर देख चौंक गयी. हमले में जख्मी पुलिसकर्मियों कुछ बोल पाने की स्थिति में नहीं थे. उनलोगों ने नजदीक से मौत को देखा था. घटना की भयावहता उनके चेहरे से झलक रही थी. एसएसपी विवेक कुमार व शांति समिति के लोगों के प्रयास से गांव में शांति का कायम रखने का प्रयास किया गया.
आंसू गैस छोड़ने के बाद पीछे हटे लोग : रोड़ेबाजी में जख्मी हुए सदर थानेदार इंस्पेक्टर सुजाउद्दीन खान सबसे पहले शहर से कोदरिया गांव पहुंचे थे. दोनों गुट से रोड़ेबाजी रोकने के प्रयास में वह जख्मी हो गये. करजा थानेदार अन्य पुलिस जवान घर की छत से रोड़ा बरसने पर छिप गये. लेकिन मो सुजाउद्दीन जख्मी हो गये. उन्हें निकालने के लिए जवानों ने मोर्चा बंदी की. दो तरफ से टोली बनाकर आंसू गैस के गोले छोड़ते हुए उन्हें निकाला गया. एक दस्ते ने 9 गोले छोड़े तो दूसरे ने 7 गोले दागे. पुलिस के 16 गोले दागने के बाद आपस में भिड़े दोनों पक्ष के लोग पीछे हटे. गोला दागने के दौरान ही एसआरएपी के हवलदार ललन कुमार के सिर पर ईंट लगा, वो भी लहू लहान हो गये. सुजाउद्दीन खान ने बताया कि स्थित ऐसी थी कि एक समय ऐसा लगा अब जान बचना मुश्किल है. महिलाएं भी गुप्ती और भाला लिए हुए हमले को आतुर थीं.
लाठी-डंडा एकत्रित करने में लगा आधा घंटा : घटनास्थल पर बिखरे रॉड, लाठी, डंडा, बांस के टुकड़े को एकत्रित करने में पुलिस को आधा घंटा लग गया. गांव के लोगों ने बोतलों में तेजाब भी रखा था. मिर्च के पाउडर को बाल्टी में घोल कर बोतलों में भरा गया था. दोनों ओर से मारपीट की तैयारी की भनक पुलिस को नहीं हो सकी थी.
शांति समिति के सदस्य भी पहुंचे : दो पक्षों के बीच माहौल बिगड़ने की सूचना मिलते ही शांति समिति के सदस्य व स्थानीय राजनैतिक सामाजिक कार्यकर्ता भी घटनास्थल पर पहुंचे. वार्ड पार्षद संजय केजरीवाल,केपी पप्पू,अब्दुल माजीद, मो.जमाल के साथ अन्य बुद्धिजीवी लोग वहां पहुंच दोनों पक्ष के लोगों के बीच शांति बहाल करने का प्रयास किया.
हर साल होती है पूजा : प्रत्येक साल मकदुमपुर कोदरिया गांव के रामजानकी मठ के पास सरस्वती पूजा का आयोजन होता है. बुधवार की सुबह पूजा समिति के लोग मुख्य सड़क होकर मूर्ति विसर्जन करना चाहते थे, लेकिन दूसरे गुट के लोगों को कहना था कि मूर्ति दूसरे रास्ते से ले जाइए. इसी बात पर तनाव बढ़ने पर मारपीट शुरू हो गयी. एक गुट के लोगों की पिटाई होने पर दूसरे गुट ने रोड़ेबाजी कर दी. इस दौरान फायरिंग भी हुई. सूचना मिलते ही करजा थानेदार पुलिस बल के साथ पहुंचे.
दोनों गुट को शांत कराने के दौरान उनके साथ धक्का-मुक्की की गयी. बवाल बढ़ने पर सदर, सरैया व जैतपुर पुलिस भी पहुंची. इस दौरान पुलिस की मौजूदगी में दुबारा छत पर से लोगों ने रोड़ेबाजी शुरू कर दी.

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