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स्नातक के तीन लाख छात्रों की परीक्षा पर संशय
मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय की बदहाल व्यवस्था का खामियाजा स्नातक तीनों पार्ट के तीन लाख से अधिक छात्रों काे भुगतना पड़ सकता है. पार्ट वन, टू व थ्री की वार्षिक परीक्षा पर छह महीने बाद भी संकट बना हुआ है. पहले अधिकारियों ने चूक की, फिर एक महीने तक कंप्यूटराइजेशन में उलझाये रखा. अब […]
मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय की बदहाल व्यवस्था का खामियाजा स्नातक तीनों पार्ट के तीन लाख से अधिक छात्रों काे भुगतना पड़ सकता है. पार्ट वन, टू व थ्री की वार्षिक परीक्षा पर छह महीने बाद भी संकट बना हुआ है. पहले अधिकारियों ने चूक की, फिर एक महीने तक कंप्यूटराइजेशन में उलझाये रखा. अब फिर मैनुअल परीक्षा फाॅर्म ही भरवाया जाना है. लेकिन, इसका कार्यक्रम तय नहीं हो सका है. छात्र-छात्राओं की परीक्षा जून में लेनी थी, जबकि अभी तक फाॅर्म भी नहीं भरवाया गया है. इस साल परीक्षा नहीं हुई, तो छात्रों की मुश्किलें बढ़ जायेंगी. डेढ़ महीने में तीनों पार्ट की परीक्षा कराना विवि प्रशासन के लिये आसान नहीं होगा.
परीक्षाओं के कार्यक्रम की जानकारी के लिए छात्र कॉलेज से लेकर विवि तक चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं बताया जा रहा है कि परीक्षा कब तक करा ली जायेगी.
छात्रों का कहना है कि दिसंबर तक परीक्षा नहीं हुई, तो एक साल का गैप लग जायेगा. यानी वर्ष 2016 में पार्ट वन, टू या थ्री एडमिशन लेने वाले छात्र-छात्राओं को 2018 का रिजल्ट मिलेगा.
नवंबर में परीक्षा की थी तैयारी : विवि परीक्षा विभाग ने तीनों पार्ट की परीक्षा नवंबर के अंत तक शुरू कराने का दावा किया था, लेकिन वह पूरा होता नहीं दिख रहा. एक साल में तीन सत्र की परीक्षा लेनी होती है. एक पार्ट की परीक्षा का कार्यक्रम लगभग दो सप्ताह का होता है.
कहा जा रहा था कि नवंबर में परीक्षा शुरू कराकर दिसंबर के अंत तक पूरा कर लिया जायेगा. विवि ने परीक्षा फार्म ऑनलाइन भरवाने की तैयारी की थी. इससे रिजल्ट जल्द देने में सुविधा होती. 21 अक्तूबर को एजेंसी चयन के लिए टेंडर निकला और 10 नवंबर अंतिम तिथि तय की गयी. हालांकि, दबाव के कारण विवि ने नौ नवंबर को ही टेंडर प्रक्रिया को रद कर दिया. अब विवि खुलने के बाद ही फार्म भरवाने का कार्यक्रम तय हो सकेगा. इसके बाद परीक्षा होगी.
भूल कर भी नहीं करेंगे बीआरएबीयू से पीजी
एलएस कॉलेज से स्नातक पार्टी थ्री के छात्र अभिषेक कुमार का कहना है कि ग्रेजुएशन पूरा होने के बाद दूसरी यूनिवर्सिटी से पीजी करेंगे. अब तो भूलकर भी बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में एडमिशन नहीं लेंगे. उन्होंने बताया कि जून तक उनकी परीक्षा हो जानी चाहिए थी, जिसके बाद अगस्त तक रिजल्ट मिल जाता. अभी तक परीक्षा फॉर्म भी नहीं भरवाया गया है. अब से अगर कार्यक्रम शुरू भी होगा, तो दिसंबर के अंत तक परीक्षा शुरू होने की उम्मीद है. फिर रिजल्ट आने में भी समय लगेगा. एेसे में पूरा एक साल बर्बाद हो गया. इसी तरह की समस्या सभी छात्रों के साथ है. सत्र अनियमित होने के कारण अधिकतर छात्र ग्रेजुएशन के बाद दूसरे जगह चले जा रहे हैं.
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