कॉरपोरेट संस्कृति पर लगाम लगाने के लिए 20 नवंबर को किसान संसद का घेराव करेंगे. पांचवें चरण की यह मुक्ति यात्रा कोलकाता से शुरू होकर भुवनेश्वर व झारखंड होते हुए बिहार के विभिन्न जिलाें से होते हुए मुजफ्फरपुर पहुंची.
किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव राजा राम सिंह ने कहा कि बिहार किसान-मजदूर आंदोलन की ऐतिहासिक जमीन रही है. देश में दस हजार किलोमीटर की यात्रा कर किसानों को अपने अधिकार के प्रति सजग रहने का आह्वान किया गया है. किसान लागत मूल्य से कम दर पर उत्पाद बेच कर कंगाल होते जा रहे हैं. सभा में राजा राम सिंह, योगेंद्र यादव, हन्नान भोला, डॉ सुनीलम व केआर चंद्रशेखर समेत दर्जनों किसान नेता शामिल थे.