उस समय यदि 10-15 लोग आकर किसी बात के लिए दबाव बनाने लगें, तो कोई बचाने भी नहीं आये. डॉक्टरों ने तय किया कि बुधवार को दोपहर एक बजे डीएचएस भवन में बैठक होगी, जिसमें अगली रणनीति तय की जायेगी. इस मौके पर भासा के सचिव डॉ शिवशंकर, डॉ चंद्रशेखर प्रसाद, डॉ नवेंदु शेखर, डॉ हसीब असगर, डॉ संजीव कुमार पांडेय, डॉ सत्येंद्र चौधरी, डॉ नवीन कुमार आदि मौजूद थे.
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मानवाधिकार व सुरक्षा हमारे लिए क्यों नहीं!
मुजफ्फरपुर : मानवाधिकार व सुरक्षा के नियम हर व्यक्ति के लिए है, तो फिर हमारे लिए क्यों नहीं? हमारी सुरक्षा की जवाबदेही किसकी है?डीएचएस भवन में मंगलवार को हुई भासा की बैठक में इस पर देर तक चर्चा की. तय किया कि ठोस सुरक्षा प्रबंध होने पर ही वे काम करेंगे. बैठक के बाद प्रस्ताव […]
मुजफ्फरपुर : मानवाधिकार व सुरक्षा के नियम हर व्यक्ति के लिए है, तो फिर हमारे लिए क्यों नहीं? हमारी सुरक्षा की जवाबदेही किसकी है?डीएचएस भवन में मंगलवार को हुई भासा की बैठक में इस पर देर तक चर्चा की. तय किया कि ठोस सुरक्षा प्रबंध होने पर ही वे काम करेंगे. बैठक के बाद प्रस्ताव पारित कर डीएम को राज्य मुख्यालय को रिपोर्ट भेज दी गयी.
कुछ डॉक्टर इमरजेंसी सेवा शुरू कराने के पक्ष में थे, लेकिन इस पर सर्वसम्मति नहीं बन सकी. डॉक्टरों का कहना था कि अस्पताल में सुरक्षा की जवाबदेही लेने को कोई तैयार नहीं है. ऐसे में हम अपनी जान जोखिम में डालकर कैसे काम करें. डॉक्टरों का कहना था कि रात में इमरजेंसी ड्यूटी के समय अधिक डर बना रहता है.
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