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स्कूल में मासूम की हत्या: मेरे जिगर के टुकड़े का क्या कसूर था, गला काटने वाले का हाथ नहीं कांपा?
गुरुग्राम/मधुबनी: गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में सात साल के मासूम की बेरहमी से गला काट कर हत्या के मामले में सीबीआइ जांच की मांग उठी है. बच्चे की मां का स्पष्ट आरोप है कि इस मामले में कंडक्टर अशोक तिवारी को मोहरा बनाया गया है. बच्चे का शव शुक्रवार को स्कूल के टॉयलेट में […]
गुरुग्राम/मधुबनी: गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में सात साल के मासूम की बेरहमी से गला काट कर हत्या के मामले में सीबीआइ जांच की मांग उठी है. बच्चे की मां का स्पष्ट आरोप है कि इस मामले में कंडक्टर अशोक तिवारी को मोहरा बनाया गया है. बच्चे का शव शुक्रवार को स्कूल के टॉयलेट में बरामद किया गया था. स्कूल की प्राचार्य को निलंबित कर दिया गया है.
उधर, बच्चे की मां रो-रोकर बुरा हाल है. वह रह-रह कर बेहोश हो जा रही हैं. उन्होंने बिलखते हुए मीडियाकर्मियों से कहा, ‘हमें प्रिंसिपल मैडम की गिरफ्तारी चाहिए. पुलिस पर भरोसा नहीं है. असली गुनहगार को बचाने के लिए कंडक्टर को मोहरा बनाया गया है’. उन्होंने कहा- मेरे बच्चे ने किसी का क्या बिगाड़ा था. मेरे जिगर के टुकड़े का क्या कसूर था? गुनहगार का हाथ नहीं कांपा.’मालूम हो कि बस कंडक्टर अशोक तिवारी को पुलिस ने शुक्रवार की रात गिरफ्तार किया था. कोर्ट ने उसे शनिवार को तीन दिनों के पुलिस रिमांड पर भेजा. उससे पूछताछ भी हुई है.इस बीच, शनिवार को स्कूल के बाहर बड़ी संख्या में अभिभावक जुटे. गुस्साये अभिभावकों ने पुलिस प्रशासनहाय-हाय का नारा लगाया और घटना की सीबीआइ जांच तथा प्रिंसिपल की गिरफ्तारी की मांग की. बाद में उन्होंने सड़क को भी जाम कर दिया.
सबने की निंदा, जांच का भरोसा दिया. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कारवाई की जायेगी. उन्होंने इस हत्या को जघन्य करार दिया है. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उन्होंने कहा कि यह लोगों और स्कूलों के लिए चेतावनी है. इस मामले में न्याय जरूर होगा. हरियाणा के शिक्षा मंत्री ने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा. उन्होंने यह भी कहा कि स्कूल की मान्यता भी रद्द हो सकती है.
सात दिनों में चार्जशीट, वकील नहीं लड़ेंगे मुकदमा
गुरुग्राम के पुलिस कमिश्नर संदीप खेरवार ने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा. सात दिनों में जांच पूरी कर चार्जशीट दाखिल की जायेगी. हत्या में प्रयुक्त चाकू व कपड़े को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है. हत्या में कंडक्टर के अलावा किसी और की भूमिका की भी जांच होगी. उधर, सोहना के बार एसोसिएशन ने तय किया है कि कोई भी वकील मासूम की हत्या करने वाले का केस नहीं लड़ेगा.
बड़ा सवाल
आरोप है कि स्कूल प्रशासन ने कंडक्टर को बहला-फुसला कर गुनाह कबूल करवाया है. जब मासूम बस से जाता ही नहीं था तो फिर ऐसा करने का क्या मतलब?
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