जमालपुर. सरस्वती विद्या मंदिर दौलतपुर में रविवार को पूर्व छात्र परिषद के प्रमुख सदस्यों ने बैठक कर शिक्षा के क्षेत्र में नयी क्रांति का ऐलान किया. यह बैठक न केवल पूर्व छात्रों के बीच भावनात्मक बनी बल्कि राष्ट्र निर्माण में युवा पीढ़ी को संस्कार युक्त शिक्षा प्रदान करने का संकल्प लिया. बैठक की शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई. मौके पर प्रधानाचार्य छठू साह ने कहा कि विद्या भारती के पूर्व छात्र ही इस संगठन की असली पूंजी है. हमारा उद्देश्य केवल डिग्री वितरण करना नहीं है, बल्कि भारतीय मूल्य से ओतप्रोत युवाओं का निर्माण करना है जो राष्ट्र को मजबूत बनाएं. उप प्रधानाचार्य संतोष कुमार ने बताया कि विद्या भारती विश्व का सबसे बड़ा गैर सरकारी शिक्षण संस्थान होने के नाते 13 हजार से अधिक विद्यालयों के माध्यम से 45 लाख छात्रों को शिक्षा प्रदान कर रहा है. संगठन का मुख्य केंद्र बिंदु ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल शिक्षा का प्रसार एवं खेलकूद प्रतियोगिताओं के माध्यम से छात्रों का सर्वांगीण विकास तथा पर्यावरण संरक्षण पर आधारित जागरूकता अभियान था. सचिव चंद्रशेखर खेतान ने कहा कि हमारे पूर्व छात्र आज विभिन्न क्षेत्रों में सफल हैं. इसलिए हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी जड़ों को मजबूत रखें. इस दौरान पूर्व छात्र सौरभ, अग्रज, हर्ष, नीरज, आयुष, अभिषेक, रोशन और छात्र अपर्णा, राजनय, शिवांगी, शिवानी, भानुप्रिया, प्रेरणा, आराध्या, रंजन, खुशी, सृष्टि ने अपना अनुभव साझा किया. कार्यक्रम का समापन शांति मंत्र से हुआ. बताया गया कि आगामी पांच अक्टूबर को मुंगेर में विभाग स्तरीय पूर्व छात्र सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा.
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