बरियारपुर. जमालपुर-भागलपुर रेलखंड पर स्थित ऋषिकुंड हॉल्ट के समीप पुल में गंगा के पानी का अबतक जमाव बना हुआ है. इसके कारण पुल के नीचे से गुजरनेवाले चार पहिया एवं दो पहिया वाहनों का परिचालन पूरी तरह से बंद हो गया है. ऐसे में रतनपुर पंचायतवासियों के साथ ऋषिकुंड जानेवाले ग्रामीणों को भी काफी परेशानी हो रही है. रास्ता बंद होने से ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डालकर पटरी पार करने को विवश हैं.
लंबी दूरी तय कर प्रखंड मुख्यालय व एनएच तक आते हैं ग्रामीण
रतनपुर पंचायत को प्रखंड मुख्यालय एवं राष्ट्रीय राजमार्ग-80 को जोड़ने वाली प्रमुख सड़क होने के कारण प्रतिदिन हजारों लोगों का इस रास्ते से होकर वाहनों का आना-जाना लगा रहता है. बाइक को तो लोग अपनी जान जोखिम में डालकर किसी तरह रेलवे ट्रैक से पार करा लेते हैं, लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी चार पहिया वाहनों को होती है. ऐसी परिस्थिति में चार पहिया वाहनों को प्रखंड मुख्यालय या एनएच-80 तक आने के लिए 25 से 30 किलोमीटर का घुमावदार रास्ता तय करना पड़ता है. रेलवे ट्रैक पार करने की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण लोग सीधे रेलवे ट्रैक को पार करते हैं. अगर समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया गया, तो रेलवे ट्रैक पर कभी भी दुर्घटना हो सकती है.ऋषिकुंड पर रास्ते का मामला हाई कोर्ट में है लंबित
ज्ञात हो कि ऋषिकुंड हॉल्ट के समीप रेलवे समपार फाटक की मांग को लेकर ऋषिकुंड विकास मंच की ओर से कई बार आमरण अनशन किया जा चुका है. पर, अबतक रेलवे द्वारा कोई पहल नहीं की गयी है. ऋषिकुंड विकास मंच के संयोजक मनोज कुमार सिंह ने ग्रामीणों की सुविधा को देखते हुए हाईकोर्ट में मामला दर्ज किया है, जो वर्तमान में लंबित है. हालांकि ऋषिकुंड हाॅल्ट पर कई पैसेंजर ट्रेन का ठहराव होता है, जिसके कारण यहां लोगों का हमेशा आना-जाना लगा रहता है. मंच के अध्यक्ष चंद्र दिवाकर कुमार सहित खजांची सिंह, पवन कुमार, दिनेश साहनी, भूपेश ठाकुर ने बताया कि उक्त स्थल पर जनहित के दृष्टिकोण से रेलवे द्वारा रास्ता दिया जाना जरूरी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

