मुंगेर
नगर निगम प्रशासन शहर की सफाई के नाम पर प्रतिवर्ष करोड़ों राशि का भुगतान सफाई एजेंसी को कर रही है. लेकिन एजेंसी की मनमानी का आलम यह है कि सुबह नहीं, बल्कि दोपहर बाद शहर के अस्थाई डंपिंग यार्ड से कूड़ों का उठाव किया जाता है. तब तक मुख्य बाजार के एक दर्जन स्थानों पर कूड़ों का ढेर लगा रहता है. जिसके कारण शहरवासी, दुकानदार और राहगीर परेशान रहती है.अपराह्न 12:30 बजे तक कूड़ा का नहीं हो पाया था उठाव
किसी भी शहर मेें आप देखेंगे तो पायेंगे कि सुबह से ही शहर में सफाई कार्य शुरू हो जाती है. कूड़ों के उठाव करने में मजदूर व मशीनीरी काम करने लगती है. लेकिन मुंगेर नगर निगम ने जिस सफाई एजेंसी को ठेका दे रखा है, वह खुद अपने नियमों से शहर में सफाई व्यवस्था को चला रही है. हाल यह है कि अपराह्न 12 बजे तक शहर की सड़कों पर कूड़ों का ढ़ेर लगी रहती है. मंगलवार को दोपहर तक शहर के गुलजार पोखर चौक पर कूड़ों का अंबार लगा हुआ था. जिसके कारण पैदल राहगीरों के साथ ही स्थानीय दुकानदारों को काफी परेशानी हो रही थी. वहां अपराह्न 1 बजे तक कूड़ों का उठाव नहीं हो पाया था. इसी तरह शाहजुबेर रोड दो जगहों पर कूड़ों का ढेर लगा हुआ था. जबकि सोझी घाट के समीप रहमानी फाउंडेशन की दीवार से सट कर कूड़ों का ढेर बजबजा रही थी. शहर के मनियां चौराहा पर तो शाम तक कूड़ा का उठाव नहीें हुआ.सफाई व्यवस्था के नाम पर मोटी राशि हो रही खर्च
मुंगेर शहर की सफाई व्यवस्था पर नगर निगम के करोड़ों के संसाधन का उपयोग सफाई एजेंसी कर रही है. बावजूद निगम प्रशासन सफाई एजेंसी को मोटी रकम दे रही है. जो जनता से विभिन्न मद में टैक्स के नाम ली गयी राशि का ही हिस्सा है. यानी सफाई व्यवस्था के नाम पर मोटी राशि खर्च हो रही है और बावजूद शहर में सफाई व्यवस्था ऐसी है कि कूड़ों का अंबार लगा रहता है.कहती है नगर आयुक्त
नगर आयुक्त शिवाक्षी दीक्षित ने बताया कि शहर में दो टाइम सफाई हो रही है. कूड़ों का उठाव भी नियमित किया जा रहा है. शिकायत मिलने पर जांच करा कर जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

