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केंद्र में जड़ा रहा ताला, एएनएम नदारद, मरीज करते रहे इंतजार

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर शुक्रवार को पूरे दिन ताला लटका रहा, एएनएम नदारद रही और इलाज के लिए मरीज केंद्र खुलने का इंतजार करते रहे

जिला मुख्यालय से सटे धरहरा प्रखंड के गोविंदपुर एचडब्ल्यूसी का मामला

प्रभारी ट्रेनिंग में पटना गए तो पूरा केंद्र बंद पड़ रहा, बिना इलाज लौटे मरीज

फोटो कैप्शन – 11. गोविंदपुर एचडब्ल्यूसी केंद्र में लगा ताला 12. मरीज करते रहे इंतजार

धरहरा.

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर शुक्रवार को पूरे दिन ताला लटका रहा, एएनएम नदारद रही और इलाज के लिए मरीज केंद्र खुलने का इंतजार करते रहे. जबकि प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी पटना ट्रेनिंग में थे और प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक का रटारटाया जवाब जल्द ही स्टॉफ की व्यवस्था कर दी जायेगी. यह मामला कहीं और की नहीं, बल्कि जिला मुख्यालय से सटे धरहरा प्रखंड के गोविंदपुर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का है.

शुक्रवार की दोपहर 12.30 बजे तक गोविंदपुर स्वास्थ्य कल्याण केंद्र (एचडब्ल्यूसी) के बाहर चार-पांच मरीज इलाज की उम्मीद में बैठे थे. मगर जैसे-जैसे घड़ी की सुई आगे बढ़ती गई, मरीजों की उम्मीदें पीछे छूटती चली गई. डेढ़ घंटे तक इंतजार करने के बाद भी जब केंद्र का ताला नहीं खुला और कोई चिकित्सक या स्वास्थ्यकर्मी नहीं पहुंचे तो इलाज कराने आये मरीज मायूस होकर घरों को लौटने लगे. इस बीच कुछ मरीजों ने दोपहर दो बजे के बाद धरहरा पीएचसी जाने की बात कही, गोविंदपुर एचडब्ल्यूसी पर ताला लटकना अब आम बात हो चुकी है.

तीन दिन काम, चार दिन बंद

गोविंदपुर के ग्रामीणों ने बताया कि पिछले तीन महीने से यह केंद्र सप्ताह में महज तीन दिन ही खुलता है. जबकि चार दिन बंद रहता है. केंद्र पर सिर्फ एक एएनएम है. जिसे कभी मीटिंग में बुला लिया जाता है, कभी टीकाकरण ड्यूटी में भेज दिया जाता है और अगर वह बीमार पड़ जाए तो पूरा केंद्र ठप हो जाता है. सरकार भले ही स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता का दावा करे, लेकिन एचडब्ल्यूसी गोविंदपुर में स्थिति बद से बदतर है. ग्रामीणों ने बताया कि सोमवार को भी केंद्र बंद था. इसकी सूचना जब प्रभारी को दी गयी तो उनका कहना था कि जिला स्वास्थ्य समिति को पत्र लिख दिया गया है. अब शायद प्रखंड के चिकित्सा पदाधिकारी के लिये केवल पत्र लिख देने से ही मरीजों का इलाज शुरू हो जाता है. ग्रामीणों ने कहा कि इस एचडब्ल्यूसी की बदहाल व्यवस्था को लेकर अब सीधे जिलाधिकारी और स्वास्थ्य मंत्री से ही शिकायत करने पर कुछ होगा, क्योंकि बड़े अधिकारियों को शिकायत करने के बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं है.

प्रभारी पटना में, मैनेजर का रटारटाया जवाब

प्रभारी डॉ. अविनाश कुमार को जब इस बात की सूचना दी गयी तो उनके द्वारा कहा गया कि वह स्टेट हेल्थ सोसाइटी में ट्रेनिंग के लिए पटना आये हैं. इसको लेकर मैनेजर से बात कर लीजिए. वहीं जब इसको लेकर प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक राजेश कुमार से बात की गयी तो उनका कहना था कि जल्द ही केंद्र पर स्टॉफ की व्यवस्था कर दी जायेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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