महमदा मौजा के भू-स्वामियों ने कहा- जान देंगे, लेकिन आवासीय भूमि का लेकर रहेंगे मुआवजा
मुंगेर. मुंगेर-मिर्जाचौकी फोरलेन सड़क निर्माण में अड़चन बने नयारामनगर थाना क्षेत्र के महमदा मौजा की 400 मीटर जमीन पर आखिरकार गुरुवार को जिला प्रशासन की टीम ने एनएचएआइ को कब्जा दिलवा ही दिया. इस दौरान प्रशासनिक टीम को भू-स्वामियों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा. इसके कारण अधिकारियों संग बॉडी प्रोटेक्टर के साथ उतरे पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर ग्रामीणों को खदेड़ दिया. वहीं जेसीबी मशीन से उक्त जमीन पर बने बासा के साथ ही दर्जनों पेड़ों को उखाड़ कर जमीन को समतल बना दिया गया.जमीन को जेसीबी से कर दिया समतल
मुंगेर-मिर्जापुर फोरलेन सड़क निर्माण के लिए नयारामनगर थाना क्षेत्र के महमदा मौजा में 400 मीटर जमीन शेष रह गया था. गुरुवार को जिला भू-अर्जन अधिकारी पंकज कुमार गुप्ता, एसडीओ सदर कुमार अभिषेक, एसडीपीओ सदर अभिषेक रंजन के नेतृत्व में दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी महमदा गांव पहुंचे. उनके साथ पांच थाने की पुलिस के अतिरिक्त बॉडी प्रोटेक्टर के साथ डंडाधारी व शस्त्रधारी पुलिस जवान भी काफी संख्या में रहे.एनएचएआइ एवं निर्माण एजेंसी की टीम जेसीबी, रोलर समेत दर्जनों मशीनरी व 50 से अधिक मजदूर लेकर पहुंची. उक्त जमीन पर मवेशियों को रखने के लिए बने बासा, नाद को हटाने और मवेशी को खोल कर भगा कर किला-खुट्टी उखारने का कार्य शुरू हुआ, तो गढीरामपुर, महमदा, पाटम के भू-स्वामी पहुंच कर विरोध करने लगे, फिर क्या था पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर सभी को खदेड़ दिया. मौके से तीन-चार लोगों को हिरासत ले लिया. इसके बाद जेसीबी से उक्त जमीन पर बने बसावट को जमींदोज कर दिया गया. वहीं दर्जनों पेड़ों को उखाड़ कर उक्त जमीन को जेसीबी से समतल कर एनएचएआइ को सौंप दिया गया. इसके बाद जमीन पर फोरलेन निर्माण का कार्य एजेंसी ने शुरू कर दिया.
क्या है पूरा मामला
बता दें कि महमदा मौजा में 400 मीटर जमीन अधिग्रहण होने के बाद भी भू-स्वामी नहीं छोड़ रहे थे. ग्रामीणों का आरोप है कि इस जमीन के आगे और पीछे भी जमीन का अधिग्रहण किया गया है. इनके भू-स्वामियों को आवासीय भूमि की दर से मुआवजा दिया गया है, जबकि इन लोगों को कृषि योग्य भूमि की दर से मुआवजा दिया गया. उस समय कहा गया था कि इसमें सुधार होगा, लेकिन साल भर से कोई सुधार नहीं हुआ. जबकि महमदा के ग्रामीणों ने लगातार इसको लेकर उच्च अधिकारियों से शिकायत की. सूत्रों की मानें, तो कुछ लोग कोर्ट की शरण में भी गये हैं. जब भी प्रशासन ने इस जमीन पर एनएचएआइ को कब्जा दिलाने का प्रयास किया, तब ग्रामीणों ने विरोध किया. यही कारण था कि पिछले एक साल से यहां 400 मीटर जमीन पर कब्जा का पेच फोरलेन निर्माण में फंसा हुआ था. इस पर गुरुवार को जिला प्रशासन ने एनएचएआइ को कब्जा दिलवा दिया.
कहते हैं जिला भू-अर्जन पदाधिकारी
जिला भू-अर्जन पदाधिकारी पंकज कुमार गुप्ता ने बताया कि महमदा मौजा में शेष बची 400 मीटर जमीन को खाली करा एनएचएआइ को कब्जा दिला दिया गया. यह मामला एक साल से अटका पड़ा था. इसके कारण फोरलेन निर्माण में विलंब हो रहा था. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों ने विरोध जरूर किया, लेकिन पुलिस ने कोई बल प्रयोग नहीं किया. कहा-ग्रामीणों की जो भी शिकायत है, उसे सक्षम स्तर पर ले जाएं.ग्रामीणों ने अधिकारियों पर लगाया मारपीट व जबरन कब्जा का आरोप
मुंगेर. गढीरामपुर निवासी सरिता देवी ने बताया कि हम दो गोतिया की एक बीघा जमीन महमदा मौजा में है. पुलिस आयी और मेरे बेटे को पकड़ कर ले गयी है. बासा बना था, उसे तोड़ दिया. हरे-भरे पेड़ उखाड़ दिये. हमारे खेत के बगल वाले को 20 लाख दिया और हमें मात्र 1 लाख 20 हजार दे रहे हैं. कहते हैं आपकी जमीन कृषि भूमि है. आखिर एक अड्डा के फासले में इतना अंतर कैसे होगा. पैसा नहीं देना है, तो जमीन के बदले, हमें कहीं इतनी ही जमीन दिलवा दी जाये. कहा कि जान दे देंगे, लेकिन वाजिब मुआवजा मिले बिना जमीन नहीं देंगे. वहीं पाटम के कौशल कुमार ने बताया कि जिला और पुलिस प्रशासन जबरन मारपीट कर जमीन पर कब्जा कर रहा है. वहीं गढीरामपुर के संजय सिंह ने बताया कि उनके खेत के आगे-पीछे वाले के आवासीय भूमि का पैसा दिया जा रहा है. जबकि एक ही अड्डे में मेरी जमीन है, जिसे कृषि भूमि बता कर मुआवजा दिया जा रहा है. यह सरासर अन्याय है. वहीं बल प्रयोग किया गया, जो निंदनीय है. हम इसका विरोध जारी रखेंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

