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Sri Sri Ravishankar: जीवन को बड़ा बनाने के लिए अपनाएं ये 5 आयाम, मुंगेर पहुंचे श्री श्री रविशंकर ने दिया संदेश

Sri Sri Ravishankar: मुंगेर के जमालपुर पहुंचे श्री श्री रविशंकर ने लोगों के साथ संवाद किया. जहां उन्होंने जीवन को विशाल बनाने के लिए किन आयामों को अपनाना चाहिए ये बताया.

Sri Sri Ravishankar: आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने कहा है कि जीवन जीने के लिए मनुष्य को पांच आयामों को आत्मसात करने की जरूरत है. इसमें अपने मन को प्रसन्न रखें और अपने व्यक्तित्व को मधुर बनाएं, ताकि लोग आपसे प्रेम करें. हमें हमेशा वर्तमान में जीना चाहिए, तभी जीवन का स्वरूप विशाल होगा. वे सोमवार को मुंगेर के जमालपुर शहर के जेएसए मैदान में आयोजित महासत्संग कार्यक्रम ‘उज्जवल बिहार’ में उपस्थित जनसमूह के साथ संवाद कर रहे थे.

गुरुदेव रविशंकर जी महाराज ने कहा कि जब हम दूसरों को वैसे ही स्वीकार कर लेंगे जैसे वे हैं और यह सोचना बंद कर देंगे कि हम क्या कर रहे हैं, दूसरे इस बारे में क्यों सोचेंगे, तो जीवन अपने आप सरल हो जाएगा. साथ ही दूसरों की गलतियों को भूलने की प्रवृत्ति भी हमारे जीवन को आनंदमय बनाएगी, इसलिए जरूरी है कि हम अपने विचारों से अपने जीवन को सुंदर रूप दें. इसके लिए साधना और ध्यान जरूरी है. साधना जहां शरीर को ऊर्जा देती है, वहीं ध्यान मन को प्रसन्न करता है.

अपनाएं ये 5 आयाम

  1. मन को प्रसन्न रखें
  2. अपने व्यक्तित्व को मधुर बनाएं
  3. वर्तमान में जियो
  4. दूसरे की गलतियों को भूल जाओ
  5. साधना और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाएं

सबको मंजिल तक पहुंचाने आया हूं

श्रीश्री रविशंकर ने अपने अनुयायी और आमलोगों को संबोधित करते हुए कहा कि वे बिहार की धरती पर धूम रहे हैं और इसके माध्यम से वे सबों को अपने मंजिल तक पहुंचाने के लिये आये हैं. उन्होंने लोगों से कहा कि आपके मन में जो दुख-तकलीफ, पीड़ा व परेशानी है. वे आप मुझे सौंप दें. उन्होंने कहा कि मैं आप सबों से गुरु दक्षिणा के रूप में अपनी सभी परेशानियों को दान करने की अपील कर रहा हूं, ताकि आप जीवन में प्रसन्न रहें और जीवन को साकार रूप दें.

सोमनाथ के प्राचीन ज्योर्तिलिंग का दर्शन कर अभिभूत हुये लोग

गुरुदेव रविशंकर जी महाराज ने सोमनाथ के प्राचीन ज्योर्तिलिंग का लोगों को दर्शन कराया. वे जब अपने दोनों हाथ में लिये पात्र पर ज्योर्तिलिंग लेकर सभा स्थल पर चले तो पूरा पंडाल हर, हर महादेव के जयघोष से गुंजित हो उठा. उन्होंने बताया कि एक हजार वर्ष पूर्व मोहम्मद गजनी ने जब सोमनाथ पर आक्रमण कर लूटपाट मचाया था तो उस समय वहां के अग्निहोत्री ब्राह्मण ने इसे ज्योतिर्लिंग के खंडित भाग को लेकर अपने पास रख लिये थे. जिसके उनके वंशजों ने हजार वर्षों तक अपने पास रखा और अब यह आप सबों के समक्ष है. भू-वैज्ञानिकों का मानना है कि यह ज्योर्तिलिंग इस दुनिया का नहीं है. इस मौके पर आर्ट ऑफ लिविंग के ऋषिकेश धाम के स्वामी अमृतानंद, संस्था के मुंगेर अध्यक्ष सौरभ निधि सहित अन्य मौजूद थे.

जय-जय गुरुदेव से गूंजा जमालपुर, आध्यात्मिक ऊर्जा का हुआ संचार

रेल नगरी जमालपुर में जहां पिछले तीन दिनों तक विश्व भर के आनंद मार्ग से जुड़े लोगों का समागम लगा रहा. वहीं सोमवार को आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर जी महाराज के आगमन व संवाद ने रेल नगरी जमालपुर व मुंगेर को आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत कर दिया. गुरुदेव रविशंकर जब मंच पर पहुंचे तो हजारों लोगों ने एक साथ जय-जय गुरुदेव के नारे लगाये और अपने अंदर आध्यात्मिक जागरूकता को आत्मसात किया. एक ओर जहां रविशंकर जी ने लोगों को जीवन जीने की कला को बताया. वहीं दूसरी ओर ध्यान के माध्यम से प्रकृति, ईश्वरीय शक्ति व अपने पूर्वजों को याद कराया. उन्होंने कहा कि यह शरीर ईश्वर की देन है. जबकि पृथ्वी, जल, हवा व सूर्य ने इस शरीर में प्राण प्रदान किया है, इसलिये हमें सबों के प्रति हृदय से अनुग्रह अर्पित करनी चाहिये.

पहली बार जमालपुर पहुंचे श्री श्री रविशंकर

जमालपुर की धरती पर पहली बार पहुंचे श्रीश्री रविशंकर जी का लोगों ने जोरदार स्वागत किया. लगातार जय-जय गुरूदेव व हर-हर महादेव से पंडाल गूंजता रहा. जब गुरूदेव लोगों से संवाद कर रहे थे, तब कोई फूल का माला, कोई डमरू, कोई पौधा, कोई चादर तो कोई साफा भेंट कर रहे थे, लेकिन गुरूदेव सभी वस्तु को अपने हृदय से लगाकर पुन उस व्यक्ति को लौटाते रहे. उन्होंने लोगों को आध्यात्मिक चेतना से अभिभूत किया और कहा कि सभी व्यक्ति को अपना जीवन विशाल बनाने के लिये ध्यान व सुदर्शन क्रिया करनी चाहिये. जीवन में घर-परिवार, माता-पिता, बच्चे की जिम्मेदारियों के बीच तनाव रहित रहना बहुत ही जरूरी है.

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लोग व्यर्थ की चिंता करते हैं

श्रीश्री रविशंकर ने बताया कि अधिकांश लोग व्यर्थ की चिंता करते हैं. इससे बचने के लिये उन्होंने एक एप बनाया है. जिसे सभी लोग अपने मोबाइल में डाउनलोड कर ध्यान की प्रक्रिया अपनायें. इससे आप निश्चित रूप से जीवन में शांति प्राप्त करेंगे. कई लोग डिप्रेशन में चले जाते हैं और आत्महत्या तक कर रहे हैं. इससे बचने के लिये भी आर्ट ऑफ लिविंग में यह सूत्र दिया गया है कि आप अपने मन को शांत रख सकते हैं. जब व्यक्ति भविष्य की चिंताओं को छोड़कर वर्तमान में जीने लगता है तो स्वत: ही मन में शांति और प्रसन्नता का भाव उत्पन्न हो जाता है.

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