– 15 नवंबर की बैठक में निर्धारित अधिकारियों की जगह सभी अधिकारी जायेंगे पटना
मुंगेरमुंगेर विश्वविद्यालय में 15 नवंबर को पटना में होने वाली बैठक को लेकर चार को न्योता, 40 का पिकनिक वाली कहावत बनती दिख रही है, क्योंकि एमयू की समीक्षा बैठक 15 नवंबर को पटना में होगी. जिसके लिये शिक्षा विभाग व राजभवन द्वारा पत्र भेजा गया है. जिसमें कुलपति, कुलसचिव, कुलानुशासक, वित्तीय सलाहाकार, वित्त पदाधिकारी, परीक्षा नियंत्रक और समर्थ के नोडल को बुलाया गया है, लेकिन इससे अलग एमयू ने एक पत्र जारी कर अपने सभी शेष अधिकारियों को पटना जाने के लिये निर्देशित करते हुये इन अधिकारियों के साथ एक-एक कर्मी को भी साथ चलने को कहा गया है. जबकि इन अधिकारियों को राजभवन या शिक्षा विभाग द्वारा बैठक में बुलाया ही नहीं गया है. अब ऐसे में जब बिहार विधान सभा चुनाव को लेकर 14 नवंबर को होने वाले मतगणना के कारण 13 और 14 नवंबर को विश्वविद्यालय में अवकाश हो गया है तो 15 नवंबर को अब विश्वविद्यालय खुलने के बाद अधिकारी के बिना ही कार्यालयों का संचालन केवल कर्मियों के भरोसे होना है.
चार को न्योता, 40 का पिकनिक
शिक्षा विभाग व राजभवन द्वारा जो पत्र विश्वविद्यालय को बैठक से संबंधित भेजा गया है. उसमें स्पष्ट रूप से बैठक में कुलपति, कुलसचिव, कुलानुशासक, वित्तीय सलाहाकार, वित्त पदाधिकारी, परीक्षा नियंत्रक और समर्थ के नोडल को बुलाया गया है, लेकिन विश्वविद्यालय द्वारा 11 नवंबर को एक पत्र जारी किया गया है. जिसमें कहा गया है कि 15 नवंबर को पटना में आयोजित समीक्षा बैठक में कुलपति, कुलसचिव, कुलानुशासक, वित्तीय सलाहाकार, वित्त पदाधिकारी, परीक्षा नियंत्रक और समर्थ के नोडल सहित डीएसडब्लूय, लीगल इंचार्ज, कॉलेज निरीक्षक, डिप्टी रजिस्ट्रार-1, डिप्टी रजिस्ट्रार-2, सीसीडीसी, नोडल अधिकारी और पीआरओ भी शामिल होंगे. हद तो यह है कि पत्र में सभी अधिकारियों के साथ एक-एक कर्मी को भी पटना जाने के लिये कहा गया है. इतना ही नहीं, इन अधिकारियों को पटना बैठक में बिना बुलाये ही विश्वविद्यालय के कहने पर शामिल होने के लिये विश्वविद्यालय द्वारा अधिकारियों व कर्मियों को कर्तव्यावकाश दिया गया है. हलांकि अब इनके पटना जाने का खर्च कौन वहन करेगा, यह तो अब विश्वविद्यालय की बता सकता है.
कहते हैं कुलसचिव
कुलसचिव प्रो. घनश्याम राय ने बताया कि पटना में कई बिंदुओं पर समीक्षा बैठक होनी है. ऐसे में विश्वविद्यालय द्वारा सभी संबंधित अधिकारियों को पटना जाने के लिये कहा गया है. वहीं बैठक में पूछे गये प्रश्नों का जवाब देने के लिये अधिकारियों के साथ कर्मियों को भी पटना जाने के लिये कहा गया है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का संचालन कैसे होगा, यह विश्वविद्यालय का आंतरिक मामला है.
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