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एक जनरल सर्जन के भरोसे सदर अस्पताल, जिनकी खुद की नियुक्ति त्वचा विशेषज्ञ के पद पर

हद तो यह है कि सर्जन सर्जन की जिम्मेदारी के साथ डॉ नीतीश ओपीडी की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं.

– मॉडल अस्पताल में बने दो ऑपरेशन कक्ष को अबतक सर्जन का इंतजार

मुंगेर

मुंगेर सदर अस्पताल काे 32.5 करोड़ की लगात से 100 बेड का मॉडल अस्पताल मिला है. जिसमें सामान्य मरीजों के अतिरिक्त इमरजेंसी के मरीजों के लिये अलग-अलग दो ऑपरेशन कक्ष भी हैं, लेकिन लगभग 20 लाख की जनसंख्या वाले मुंगेर जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल वर्तमान में केवल एक जनरल सर्जन के भरोसे चल रहा है. जबकि जनरल सर्जन की नियुक्ति सदर अस्पताल में स्क्रीन स्पेशलिस्ट के पद पर है. वही हड्डी के सर्जन लंबे अवकाश पर चले गये हैं. जिससे जिला मुख्यालय का सदर अस्पताल अब भी लोगों को पूरी तरह ऑपरेशन की सुविधा नहीं दे पा रहा है.

त्वचा विशेषज्ञ पद पर नियुक्ति, संभाल रहे सर्जन की जिम्मेदारी

मुंगेर सदर अस्पताल की विडंबना यह है कि साल 2024 के अंत तक लगभग चार साल सदर अस्पताल बिना सर्जन चिकित्सक के ही चलता रहा. हलांकि कहने को तो सदर अस्पताल में चिकित्सकों के स्वीकृत पद के अनुसार अबतक सदर अस्पताल सर्जनविहीन ही है, लेकिन साल 2025 के आरंभ में त्वचा विशेषज्ञ के पद पर डॉ नीतीश कुमार की नियुक्ति होने और उनके पास जनरल सर्जरी की डिग्री होने के कारण अब डॉ नीतीश ही सदर अस्पताल में जनरल सर्जन की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. हद तो यह है कि सर्जन सर्जन की जिम्मेदारी के साथ डॉ नीतीश ओपीडी की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं. जिसके कारण अबतक सदर अस्पताल अपने मरीजों को आवश्यकता पड़ने पर सर्जरी की सुविधा नहीं दे पा रहा है.

हड्डी के सर्जन लंबे अवकाश पर, रेफर हो रहे मरीज

साल 2025 के आरंभ में सदर अस्पताल को लगभग चार साल बाद हड्डी सर्जन के रूप में डॉ विशाल कुमार मिले. जिससे लगा की अब सदर अस्पताल में हड्डी के मरीजों का न केवल ऑपरेशन होगा, बल्कि अस्पताल में सालों से धूल फांक रहा सी-आर्म्स मशीन की सुविधा भी मरीजों को मिलेगी, लेकिन अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण जहां अबतक सदर अस्पताल में हड्डी का ऑपरेशन नहीं आरंभ हो पाया. वही अब हड्डी के एकमात्र सर्जन डॉ विशाल भी लंबे अवकाश पर चले गये हैं. जिसके कारण हड्डी के मरीजों को समुचित इलाज नहीं मिल पा रहा है.

कहते हैं अस्पताल उपाधीक्षक

अस्पताल उपाधीक्षक डॉ निरंजन कुमार ने बताया कि हड्डी सर्जन लंबे अवकाश पर गये हैं. जबकि जनरल सर्जन के रूप में डॉ नीतीश कुमार हैं. जिनके द्वारा मरीजों का ऑपरेशन किया जाता है. हलांकि उनकी नियुक्ति स्क्रीन स्पेशलिस्ट के पद है, लेकिन उनके पास सर्जरी की डिग्री है.

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दो-दो हाईटेक ऑपरेशन कक्ष, बावजूद पुराने भवन में चल रहा ओटी

32.5 करोड़ की लगात से बने मॉडल अस्पताल में दो-दो ऑपरेशन कक्ष है. जिसमें एक ग्राउंड फ्लोर पर इमरजेंसी के लिये बने ट्राइएज वार्ड में है. जबकि दूसरा मॉडल अस्पताल के प्रथम तल पर है. जो अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है. इसके बावजूद अबतक सदर अस्पताल में ऑपरेशन कक्ष का संचालन पुराने भवन में हो रहा है. जबकि दोनों अत्याधुनिक ऑपरेशन कक्ष को अबतक मरीजों का इंतजार है.

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