मुंगेर. मुंगेर विश्वविद्यालय द्वारा अपने कॉलेजों में चल रहे स्नातक के सेमेस्टर-5 के विद्यार्थियों की जिम्मेदारी भी पीजी विभागाध्यक्षों को दी जा रही है. जबकि स्नातक के विद्यार्थियों के शैक्षणिक प्रक्रियाओं को लेकर कॉलेज के प्राचार्य को जिम्मेदारी दी जानी थी, जो अब कई बड़े सवाल खड़े कर रही है.
दरअसल शुक्रवार को कुलपति प्रो संजय कुमार ने एमयू के पीजी विभागाध्यक्षों के साथ एक ऑनलाइन बैठक की. जिसमें कई मुद्दों पर चर्चा हुई, लेकिन इसमें सबसे महत्वपूर्ण चर्चा विश्वविद्यालय के कॉलेजों में चल रहे सीबीसीएस के स्नातक सेमेस्टर-5 में शामिल विषय इंर्टनशिप को लेकर हुई, जिसमें कुलपति ने पीजी विभागाध्यक्षों से चर्चा किया की स्नातक सेमेस्टर-5 के विद्यार्थियों का इंर्टनशिप कहां और कैसे कराया जाये, क्योंकि इंर्टनशिप के तहत विद्यार्थियों को अपने विषय से संबंधित किसी कार्य स्थल पर जाकर वहां कार्य कर इसकी जानकारी लेनी है. वहीं कुलपति द्वारा इसमें सभी पीजी विभागाध्यक्षों को इसे लेकर अपना-अपना प्रस्ताव देने को कहा गया है. अब सवाल यह है कि एमयू के पीजी विभागाध्यक्षों के कंधों पर पहले से ही अपने कॉलेज में क्लास लेने के साथ पीजी विभागों की जिम्मेदारी है. ऐसे में अब पीजी विभागाध्यक्षों के कंधे पर स्नातक, जिसमें एमयू के 34 अंगीभूत एवं संबद्ध कॉलेजों में लगभग 30 हजार से अधिक विद्यार्थी हैं. ऐसे में पीजी विभागाध्यक्षों के कंधों पर स्नातक के विद्यार्थियों की अतिरिक्त जिम्मेदारी दे दी गयी, जबकि स्नातक का संचालन कॉलेजों में किया जाता है. जिसके लिए पूर्ण रूप से कॉलेज के प्राचार्य जिम्मेदार होते हैं.इंटर्नशिप के लिए यह एक प्रारंभिक बैठक थी. जिसमें पीजी हेड अपने-अपने विषयों के विशेषज्ञ होते हैं. ऐसे में उनसे इसे लेकर विचार किया गया कि विद्यार्थी जिस विषय में इंटर्नशिप करेंगे, उसे कैसे कराया जायेगा. आने वाले समय में इसे लेकर प्राचार्यों के साथ भी बैठक की जायेगी. जिसके बाद इसे लेकर आगे का विचार किया जायेगा.
डॉ सूरज कोनार, पीआरओB
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