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शैक्षणिक कार्यों से दूर प्रतिनियुक्त व तबादले में ही उलझा मुंगेर विश्वविद्यालय

विश्वविद्यालय अपने पीजी विभागों में स्वीकृत पदों पर न तो शिक्षक और न ही शिक्षकेत्तर कर्मियों की नियुक्ति कर पाया है.

– अबतक नहीं हुआ पीजी विभागों में स्वीकृत पदों पर नियुक्ति

– सीबीसीएस के लिये आवेदन लेने के बाद अबतक नहीं आये शिक्षक

मुंगेर

विश्वविद्यालय का मूल कार्य विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा देने के साथ शैक्षणिक प्रक्रियाओं को पूरा करना है. लेकिन इससे अलग मुंगेर विश्वविद्यालय वर्तमान में अपने शैक्षणिक कार्यों की जगह प्रतिनियुक्ति, तबादले और अधिकारियों के बदला-बदली करने में ही व्यस्त है. सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद अबतक जहां पीजी विभागों में नियुक्ति नहीं हो पायी है. वहीं सालों से एमयू के पीजी विभागों को महानुभावों के चेयर का इंतजार है. हद तो यह है कि सीबीसीएस के एईसी, भीएसी तथा एसईसी पाठ्यक्रमों के लिये प्रति कक्षा के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर आवेदन लेने के बाद भी अबतक विद्यार्थियों को इन विषयों में शिक्षक नहीं मिल पाये हैं. जबकि अब तो उक्त सत्र की परीक्षा भी होनी है.

परीक्षा का समय आया नजदीक, एईसी, भीएसी तथा एसईसी में शिक्षक नहीं

एमयू वर्तमान में अपने शैक्षणिक कार्यों को लेकर पूरी तरह लापरवाह बना है. विश्वविद्यालय द्वारा 20 अक्तूबर तक सीबीसीएस के एईसी, भीएसी तथा एसईसी पाठ्यक्रमों के लिये प्रति कक्षा के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर आवेदन लिया गया. लेकिन आवेदन प्रक्रिया समाप्त होने के एक माह बाद भी अबतक विश्वविद्यालय इन विषयों के लिये शिक्षकों का चयन नहीं कर पाया है. यह हाल तब है, जब सीबीसीएस के सत्र 2025-29 की कक्षाएं आरंभ हैं और दिसंबर माह के अंत तक उक्त सत्र की परीक्षाएं भी होनी है.

अबतक नहीं हुआ पीजी विभागों में स्वीकृत पदों पर नियुक्ति

एमयू को अपने 20 पीजी विभागों के लिये सरकार से सितंबर माह में ही कुल 167 पदों की स्वीकृति मिल चुकी है. जिसमें 120 पद शिक्षकों और 47 पद शिक्षकेतर कर्मचारियों के लिए हैं, लेकिन दो माह बाद भी अबतक विश्वविद्यालय अपने पीजी विभागों में स्वीकृत पदों पर न तो शिक्षक और न ही शिक्षकेत्तर कर्मियों की नियुक्ति कर पाया है. इतना ही नहीं साल 2023 में हुये एकेडमिक सीनेट बैठक के दौरान तत्कालीन कुलपति प्रो श्यामा राय द्वारा पीजी विभागों में महानुभावों के चेयर की स्थापना किये जाने की बात कही गयी थी. जिसका खुद तत्कालीन कुलाधिपति विश्वनाथ आर्लेकर ने भी स्वागत किया था, लेकिन कुलाधिपति और कुलपति के जाने के बाद पीजी विभागों को अबतक इन महानुभावों के चेयर का इंतजार है.

कहते हैं कुलसचिव

कुलसचिव प्रो घनश्याम राय ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा 9 अन्य पीजी विभागों के लिये पदों की स्वीकृति का प्रस्ताव भेजा गया है. सरकार के स्तर से शिक्षक व कर्मियों की नियुक्ति होनी है. इसके अतिरिक्त नियुक्त और तबादले में ही उलझा मुंगेर विश्वविद्यालय के लिये 128 आवेदन मिले हैं. जिसकी स्क्रूटनी की जा रही है. जिसके बाद साक्षात्कार की तिथि निर्धारित की जायेगी. वही पीजी विभागों में महानुभावों के चेयर का मामला उनके कार्यकाल का नहीं है. इस मामले में अधिक जानकारी लेने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.

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प्रतिनियुक्ति और तबादले में ही उलझा मुंगेर विश्वविद्यालय

एमयू इन दिनों अपने शैक्षणिक कार्यों से अधिक प्रतिनियुक्ति व तबादले में उलझा है. बीते दिनों जहां विश्वविद्यालय द्वारा कई अधिकारियों को उनके पदों से हटाते हुये उनकी जगह दूसरे अधिकारियों को जिम्मेदारी दी है. वहीं कई कॉलेजों में प्रभारी प्राचार्यों के पदों की जिम्मेदारी दी गयी है. इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय द्वारा अब वर्तमान में सभी कॉलेजों को पत्र भेजकर चतुर्थवर्गीय कर्मियों की कमी की सूची मांगी गयी है. जिसकी नियुक्ति भी विश्वविद्यालय द्वारा आउटसोर्सिंग के माध्यम से की जायेगी. हद तो यह है कि इससे अगल जहां अक्तूबर माह में एमयू के विभिन्न कॉलेजों में कार्यरत लगभग 70 संविदाकर्मियों की कार्य अवधि समाप्त हो चुकी है. वहीं अबतक उन्हें कार्य विस्तार नहीं दिया गया है. जबकि अगले माह अतिथि शिक्षकों की कार्य अवधि सभी समाप्त हो जायेगी, लेकिन अबतक इसे लेकर भी कोई प्रक्रिया आरंभ नहीं की गयी है.

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